सामाजिक न्याय विभाग की 6765 करोड रुपए की निधि सालभर में ‘वर्ग’

लाडली बहनों को दी गई सबसे ज्यादा निधि

मुंबई/दि.6 – राज्य में विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए शुरु की गई ‘मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिण’ योजना अब राज्य की महायुति सरकार के लिए सिरदर्द बनती जा रही है. क्योंकि इस योजना के लिए निधि का इंतजाम करना राज्य सरकार के लिए अच्छी-खासी परेशानी वाला काम साबित हो रहा है. लाडली बहन योजना के लिए एक बार फिर सामाजिक न्याय विभाग की निधि को महिला व बालविकास विभाग की ओर ट्रांसफर किया गया है. जिसके चलते सामाजिक न्याय विभाग में निधि को लेकर अच्छी-खासी किल्लत पैदा हो गई है. पता चला है कि, विगत एक वर्ष के दौरान ही सामाजिक न्याय विभाग की करीब 6765 करोड रुपए की निधि को वर्ग किया गया है. जिसमें से सर्वाधिक निधि लाडली बहन योजना हेतु महिला व बालविकास विभाग को हस्तांतरित की जा चुकी है.
पता चला है कि, लाडली बहन योजना के लिए अब तक सामाजिक न्याय विभाग से दो बार 410.30 करोड रुपए की निधि ली गई है और इस योजना के लिए सामाजिक न्याय विभाग से कुल 820.60 करोड रुपयों की निधि ली जा चुकी है. इसके अलावा आदिवासी विकास विभाग से भी अब तक तीन बार कुल 1007 करोड रुपए लाडली बहन योजना हेतु लिए गए है. इसके साथ ही अब यह जानकारी भी सामने आई है कि, लाडली बहन योजना के अलावा अन्य दो योजनाओं के लिए भी सामाजिक न्याय विभाग की निधि को लिया जाना है. जिसमें से मुख्यमंत्री बलिराजा विद्युत सहुलियत योजना के लिए 1320 करोड तथा प्रधानमंत्री आवास एवं घरकुल योजना के लिए 1485 करोड रुपयों की निधि को वर्ग किया जाएगा. इस स्थिति के चलते सामाजिक न्याय विभाग में साल-दरसाल राजस्व घाटा बढता जा रहा है. ज्ञात रहे कि, इस वर्ष सामाजिक न्याय विभाग के लिए 22,658 करोड रुपयों की निधि मंजूर हुई है. वहीं लाडली बहन व अन्य योजनाओं का अतिरिक्त मिलाकर 29,932 करोड की निधि है. परंतु इसके बावजूद सामाजिक न्याय विभाग को मात्र 7314 करोड यानि कुल बजट की तुलना में महज 2.44 फीसद निधि प्राप्त हुई है.

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