बारामती/दि.17 – राकांपा शरद पवार गुट के सर्वेसर्वा शरद पवार ने विधानसभा अध्यक्ष के निर्णय को सेटिंग बताया. उन्होंने कहा कि, पार्टी और चुनाव निशानी छीन लेना हम पर अन्याय है. उन्होंने कहा कि, विधानसभा अध्यक्ष ने पद की प्रतिष्ठा नहीं रखी. जबकि उनसे ऐसी अपेक्षा थी. उन्होंने शिवसेना के बारे में भी ऐसा ही निर्णय दिया था. चुनाव आयोग और सभापति दोनों ने पार्टी और निशानी के बारे में जो भूमिका ली है. वह दर्शाता है कि, पद का कैसा दुरुपयोग होता है.
* कोर्ट में दी अर्जी
पवार ने बताया कि, चुनाव आयोग के निर्णय को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौति दी जा सकती है. हमने कोर्ट में अर्जी दायर कर दी है. खबर है कि, सोमवार 19 फरवरी को इस पर सुनवाई हो सकती है. कोर्ट से अनुरोध किया गया है कि, शीघ्र चुनाव की घोषणा होने वाली है, इसलिए वह हमारी अर्जी पर शीघ्रता से निर्णय करें, अब तक ऐसे मामलों में पार्टी और चुनाव निशानी दुसरों को नहीं दी गई थी. शरद पवार ने कहा कि, राकांपा की स्थापना किसने की यह दुनिया को पता है. यह रहने पर भी पार्टी अन्य को देना अन्यायपूर्ण फैसला है.
* पवार ने जताया संदेह
शरद पवार ने यह भी कहा कि, लोगों ने सभा सम्मेलनों में पहले ही कह दिया था कि, पार्टी और घडी निशानी उन्हें ही मिलेगी. तभी हमारे ध्यान में आ गया था कि, सेटिंग कर निर्णय किया जाएगा. हम पर अन्याय करने वाला फैसला होगा. पार्टी ने आगे की तैयारी करनी चाहिए. इसलिए हम सुप्रीम कोर्ट के द्वार गये हैं.