शिक्षक उपसंचालक के विवादास्पद आदेश को स्थगिती
हाईकोर्ट के फैसले से शिक्षा संस्था व कर्मचारियों को अंतरिम राहत
नागपुर/दि.19 – वाशिम जिले के जनता बहुउद्देशिय शिक्षा प्रसारक मंडल तथा इस संस्था के तीन कर्मचारियों के खिलाफ अमरावती के विभागीय शिक्षा उपसंचालक द्वारा जारी किए गए विवादास्पद आदेश को मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुरी खंडपीठ द्वारा अंतरिम स्थगिती दी गई है. जिसके चलते शिक्षा संस्था से संबंधित कर्मचारियों को राहत मिली है.
इस मामले पर न्या. नितिन सांभरे व न्या. अभय मंत्री की दो सदस्यीय खंडपीठ के समक्ष सुनवाई हुई. पीडित कर्मचारियों में मुख्याध्यापक दत्तात्रय कवर, सहायक शिक्षक नरेश चव्हाण व प्रयोगशाला सहायक शैलेश चव्हाण का समावेश है. जानकारी के मुताबिक शिक्षा उपसंचालक द्वारा जारी आदेश के जरिए जनता बहुउद्देशीय शिक्षा प्रसारक मंडल के कोंढाला (महाली) स्थित ज्ञानेश्वर माउली विद्यालय व मनोहर नाईक कनिष्ठ विज्ञान महाविद्यालय का 20 फीसद अनुदान बंद कर दिया गया था. साथ ही मुख्याध्यापक कवर व प्रयोगशाला सहायक शैलेश चव्हाण के नियुक्ति की मान्यता को रद्द कर दिया गया था. इसके अलावा नरेश चव्हाण पर कार्रवाई की प्रक्रिया शुरु की गई थी. जिसके खिलाफ तीनों कर्मचारियों एवं शिक्षा संस्था द्वारा हाईकोर्ट में अलग-अलग याचिकाएं दायर की गई थी. जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने अमरावती के शिक्षा उपसंचालक की ओर से जारी आदेश को विवादास्पद मानते हुए उस पर स्थगिती दी. साथ ही शिक्षा उपसंचालक, माध्यमिक शिक्षाधिकारी व अन्य प्रतिवादियों को नोटीस जारी करते हुए आगामी 12 फरवरी तक जवाब देने का आदेश जारी किया.