नाराज बच्चू कडू को अभय देने ऐसा भी ‘सहकार’
जिला बैंक का अध्यक्ष बनाए रखने बदले जा रहे सहकार कानून के प्रावधान
मुंबई ./दि.27- हमेशा ही किसी ना किसी कारण एवं वजह को लेकर अपनी ही सरकार से नाराज रहने वाले पूर्व राज्यमंत्री व अचलपुर निर्वाचन क्षेत्र के विधायक बच्चू कडू की नाराजगी दूर हो एवं अमरावती जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक में उनका अध्यक्ष पद बचा रहे. इस हेतु सीधे सहकार कानुन के प्रावधानों को ही बदले जाने की चर्चा चल रही है. साथ ही इसे लेकर सोमवार को विधानसभा में एक विधेयक भी पेश किया गया है. यानि राज्य की महाविकास आघाडी सरकार द्वारा अपने समर्थन में रहने वाले पूर्व राज्यमंत्री व विधायक बच्चू कडू के साथ हरसंभव ‘सहकार’ किया जा रहा है.
बता दें कि, राज्य में महाविकास आघाडी की सरकार रहते समय बच्चू कडू उस सरकार में राज्यमंत्री हुआ करते थे और उनकी प्रहार जनशक्ति पार्टी के इस समय विधानसभा में 2 विधायक है. लेकिन राज्य में सत्ता परिवर्तन होते ही विधायक बच्चू कडू ने शिंदे गुट वाली शिवसेना व भाजपा की युति को समर्थन दिया. परंतु नई सरकार में उन्हें मंत्री पद नहीं मिला. हालांकि उनकी मांग पर दिव्यांग कल्याण मंत्रालय बनाते हुए उन्हें इसका मंत्री दर्जा प्राप्त अध्यक्ष पद जरुर दिया गया. इसके उपरान्त वे अमरावती जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक के अध्यक्ष भी बने. जबकि इस बैंक के संचालक मंडल में कांगे्रस का बहुमत था और यह बैंक पू, पूर्व विधायक वीरेंद्र जगताप एवं कांग्रेस के जिलाध्यक्ष व पूर्व जिपाध्यक्ष बबलू देशमुख जैसे तीन बडे कांग्रेसी नेताओं के हाथ में थी. बैंक के अध्यक्ष सुधाकर भारसाकले व उपाध्यक्ष सुरेश साबले द्वारा अपने-अपने पदों से इस्तीफा दिये जाने के चलते इन दोनों पदों हेतु चुनाव करवाया गया था. जिसमें अध्यक्ष पद पर विधायक बच्चू कडू व उपाध्यक्ष पद पर अभिजीत ढेपे ने अल्पमत में रहने के बावजूद अप्रत्याशी जीत हासिल की थी.
* सहकार कानून में संशोधन से मिलेगी मदद
– जिला बैंक में विधायक बच्चू कडू के पास 8 तथा कांग्रेस के पास 13 वोट थे. लेकिन इसके बावजूद भी विधायक बच्चू कडू ने जीत हासिल की. जिसका सीधा मतलब है कि, उन्होंने कांग्रेस के तीन वोटों में सेंध लगाई. साथ ही विधायक बच्चू कडू के साथ उपाध्यक्ष पद पर अभिजीत ढेपे ने जीत हासिल की थी. जिसके चलते बैंक के इतिहास में पहली बार बैंक की सत्ता कांग्रेस के हाथ से निकल गई.
– जिसके चलते अब कांग्रेस के नेताओं ने अध्यक्ष बच्चू कडू व उपाध्यक्ष अभिजीत ढेपे के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाये जाने के प्रयास शुरु कर दिये थे. लेकिन अब सहकार कानून की धारा 73 (1) (ड) में किया जाने वाला संशोधन विधायक बच्चू कडू के लिए काफी सहायक साबित होगा.
– जानकारी के मुताबिक इस धारा में ऐसा प्रावधान है कि, किसी भी सहकारी संस्था के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के खिलाफ उनके निर्वाचित होने के बाद अगले 6 माह तक अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जा सकता. विधायक बच्चू कडू 24 जून 2023 को जिला बैंक के अध्यक्ष निर्वाचित हुए थे और नवनिर्वाचित हुए 6 माह से अधिक समय हो चुका है. ऐसे में अब उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है.
– लेकिन राज्य के सहकार मंत्री दिलीप वलसे पाटिल द्वारा सोमवार को विधानसभा में जो संशोधन विधेयक रखा गया. उसमें प्रावधान किया गया है कि, राज्य की सभी सहकारी संस्थाओं (सहकारी बैंकों सहित) के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद 2 साल तक अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जा सकता. जिसके चलते विधायक बच्चू कडू को जिला बैंक के अध्यक्ष पद पर एक तरह से जीवनदान मिल गया है. साथ ही इस फैसले के चलते सभी सहकारी संस्थाओं के अध्यक्षों व उपाध्यक्षों को बडी राहत मिलेगी.
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* अगले चुनाव तक कडू ही रहेंगे अध्यक्ष
– अक्तूबर 2025 में जिला बैंक के संचालक मंडल का चुनाव होगा. तब तक विधायक बच्चू कडू ही अध्यक्ष पद पर बने रह सकेंगे.
– राज्य में मंत्री पद से वंचित रहने वाले विधायक बच्चू कडू को जिला बैंक के अध्यक्ष के तौर पर 2 साल तक कायम रखा जा सके और इस जरिए उनकी नाराजगी को दूर किया जा सके. इसी बात को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार द्वारा तमाम उठापठक की जा रही है.
– जानकारी के मुताबिक सहकार विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने अविश्वास के लिए 6 माह की मुदत को बढाकर एक साल करने का सुझाव दिया था. लेकिन उपर से इसे 2 साल करने का संदेश आया था. जिसे लेकर अच्छी खासी चर्चा चल रही है.