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अचलपुर के उपजिला अस्पताल की ऐसी भी असंवेदनशीलता

प्रसूति के बाद जच्चा-बच्चा को घर पहुंचाने नहीं दी एम्बुलेंस

* नवजात बच्चों के साथ सडक पर वाहन का इंतजार करते खडी थी दो महिलाएं
* जानकारी मिलते ही विधायक पटेल के पीए छोटू तेलगोटे आए सहायता के लिए आगे
परतवाडा /दि.28- आदिवासी बहुल मेलघाट क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर अक्सर ही खबरे सामने आती है. जिनके जरिए क्षेत्र के आदिवासियों के प्रति स्वास्थ्य विभाग की असंवेदनशीलता उजागर होती रहती है. ऐसा ही एक मामला अब अचलपुर के उपजिला अस्पताल से सामने आया है. जहां पर प्रसूति पश्चात बच्चों को जन्म देने वाली दो नवप्रसूता महिलाओं एवं उनके नवजात बच्चों को अचलपुर से उनके गांव पहुंचाने के लिए सरकारी एम्बुलेंस वाहन उपलब्ध नहीं कराया गया. ऐसे में दोनों महिलाओं को अपने नवजात बच्चों के साथ काफी समय तक वाहन का इंतजार करते हुए सडक पर खडे रहना पडा.
जानकारी के मुताबिक जालिदा गांव निवासी लक्ष्मी तांडलकर व अनारकली कास्देकर को प्रसूति हेतु हातरु के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया था. जहां से उन्हें अचलपुर के उपजिला अस्पताल में रेफर किया गया. इन दोनों गर्भवती महिलाओं ने एक-एक कन्यारत्न को जन्म दिया. पश्चात आवश्यक इलाज व चिकित्सा के उपरान्त दोनों महिलाओं को अस्पताल द्बारा डिस्चार्ज दिया गया. सरकारी नियमानुसार इन दोनों महिलाओं को अस्पताल प्रशासन द्बारा गांव जाने हेतु एम्बुलेंस वाहन उपलब्ध कराया जाना था. परंतु अपनी असंवेदनशीलता का परिचय देते हुए अस्पताल प्रशासन ने उन्हें एम्बुलेंस उपलब्ध नहीं करवाई. ऐसे में आर्थिक तौर पर तंगहाली का शिकार रहने वाले दोनों महिलाएं अपने नवजात बच्चों को साथ लेकर सफेद पुल स्थित चिखलदरा स्टॉप पर पहुंची और गांव जाने के लिए वाहन का इंतजार करने लगी. इसी समय किसी के जरिए इस बात की जानकारी मेलघाट के विधायक राजकुमार पटेल व उनके स्वीय सहायक छोटू तेलगोटे को मिली. जिसके बाद छोटू तेलगोटे तुरंत ही चिखलदरा स्टॉप पर पहुंचे और उन्होंने इस परिवार को जारिदा गांव पहुंचाने की व्यवस्था की.
* संबंधितों पर होनी चाहिए कडी कार्रवाई
– विधायक पटेल ने दी संतप्त प्रतिक्रिया
इस घटना को अपने आप में बेहद गंभीर बताते हुए मेलघाट क्षेत्र के विधायक राजकुमार पटेल ने कहा कि, मेलघाट से अचलपुर के उपजिला अस्पताल अथवा अमरावती के जिला अस्पताल तक पहुंचाने और वहां से इलाज पश्चात उसे उसके गांव वापसि लाकर छोडने की जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग की होती है. इस नियम के तहत प्रसूति पश्चात दोनों महिलाओं और उनके नवजात बच्चों को अचलपुर के उपजिला अस्पताल द्बारा गांव पहुंचाने की व्यवस्था की जानी चाहिए थी. इस काम के लिए सरकार द्बारा एम्बुलेंस उपलब्ध कराई गई है. ऐसे में कर्तव्य में कोताही करने वाले अचलपुर उपजिला अस्पताल के वैद्यकीय अधिकारी व स्वास्थ्य कर्मचारियों पर कडी कार्रवाई होनी चाहिए. वे इस मामले को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री के पास भी जाएंगे.

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