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वर्धा के जिला अस्पताल में नकली दवा की आपूर्ति

आखिरकार अ‍ॅक्वेंटिस व काबीज के खिलाफ मामला दर्ज

* अन्न व औषधि प्रशासन की थी जांच
वर्धा/दि.18-जिला सामान्य अस्पताल को नकली दवा की आपूर्ति की जाने की जानकारी अन्न व औषधि प्रशासन के जांच दौरान प्रकाश में आई थी. आखिरकार इस मामले में अन्न औषधि निरीक्षक की शिकायत के अनुसार अ‍ॅक्वेंटिस, काबीज इन दो आपूर्तिदार सहित अन्य दो लोगों पर शहर पुलिस थाना में मामला दर्ज किया गया है.
एफडीए की जांच में करीब 6 लाख 30 हजार नकली टैबलेट्स की अस्पतालों को आपूर्ति होने की बात प्रकाश में आई है. राज्य के नागपुर सहित कुछ जिले में नकली दवा का स्टॉक जब्त किया था. इसके बाद अन्न व औषधि प्रशासन ने जिला अस्पताल के औषधि विभाग से 20 सितंबर 2023 को कुछ दवा का सैम्पल लेकर जांच के लिए भेजे थे. दौरान अ‍ॅझिमसिन ब्रैंडनेम रहने वाली औषधि में अ‍ॅझिश्रीमायसिन यह मुख्य ड्रग नहीं पाया जाने से रिपोर्ट के बाद अन्न व औषधि प्रशासन ने इस दवा को नकली घोषित किया. जिला अस्पताल को इस दवा की आपूर्ति कोल्हापुर के सुरेश दत्तात्रय पाटिल मे.विशाल एंटरप्राइजेस इस ंकंपनी द्वारा की जाने के बारे में बताया गया. इस दवा का उत्पादन ग्रीस्टल फॉम्युलेशन्स, प्लॉट नं.एन 99/22 कोटद्वार, पौरी गर्हवाल, उत्तराखंड में हुआ. जांच में यह पता चला है कि, नकली औषधि की आपूर्ति अकेले वर्धा जिले में ही नहीं, बल्कि संपूर्ण महाराष्ट्र में हुई है. संपूर्ण जांच के बाद अन्न व औषधि प्रशासन ने संपूर्ण स्टॉक जब्त किया है. शिकायत के बाद ठाणे के विजय शैलेंद्र चौधरी, संचालक काबीज जेनरीक हाउस, मिहीर त्रिवेदी-मे.अ‍ॅक्वेंटिस बायोटेक प्रा.लि., भिवंडी इन दो आपूर्तिदारों के खिलाफ तथा सूरत, दिंडोली के मे.फार्मासिक्स बायोटेक की मालिक प्रिती सुमित त्रिवेदी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.
* अंतर्राष्ट्रीय गिरोह का होगा पर्दाफाश
नकली औषधि निर्मिती व बिक्री का जाल उत्तरांचल तथा हिमाचल में होने की जानकारी प्राप्त हुई. इसके पिछे अंतरराज्यीय गिरोह होकर औषधि के लिए लगनेवाला कच्चा माल, पॅकिंग मटेरियल, औषधि की निर्मिती कहां की जाती है? इसकी कडी जांच पुलिस ने करने पर गिरोह का पर्दाफाश होगा.

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