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बदलापुर एनकाउंटर मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट का फैसला पलटा

अब एसआईटी की बजाए डीजीपी के नेतृत्व में समिति गठित होगी

मुंबई/दि.6 – बदलापुर में दो नाबालिग छात्राओं के साथ हुए लैंगिक अत्याचार मामले के आरोपी अक्षय शिंदे के कथित एनकाउंटर मामले में मुंबई उच्च न्यायालय द्वारा एसआईटी के गठन को लेकर दिए गए फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने पलट दिया है. जिसके चलते अब डीजीपी की देखरेख के तहत एक समिति गठित की जाएगी. बदलापुर एनकाउंटर मामले में मुंबई उच्च न्यायालय ने सहपुलिस आयुक्त लखमी गौतम की अध्यक्षता के तहत एसआईटी गठित करने का आदेश दिया था. जिसके खिलाफ राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी.
बता दें कि, बदलापुर स्थित शाला में दो छोटी-छोटी बच्चियों के साथ लैंगिक अत्याचार किए जाने के मामले में नामजद आरोप अक्षय शिंदे को तलोजा जेल से कल्याण लाए जाते समय 23 सितंबर 2024 को उसका कथित एनकाउंटर हुआ था और पुलिस द्वारा दावा किया गया था कि, अक्षय शिंदे ने भागने का प्रयास करने के साथ ही पुलिस पर हमला करने का प्रयास भी किया है. जिसे चुनौती देने के साथ ही अक्षय शिंदे के अभिभावकों ने नुकसान भरपाई के लिए मुंबई हाईकोर्ट में गुहार लगाई थी और मुंबई हाईकोर्ट ने अक्षय शिंदे के कथित एनकाउंटर मामले में लिप्त पुलिस अधिकारियों पर 3 मई तक अपराध दर्ज करने का आदेश 7 अप्रैल को जारी किया था. जिसके चलते राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई थी. राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका का हवाला देते हुए मामले की जांच एसआईटी को हस्तांतरीत करने हेतु मुंबई उच्च न्यायालय से अतिरिक्त समय मांगा था, परंतु सर्वोच्च न्यायालय ने उच्च न्यायालय के आदेश को कायम रखा. जिसके बाद उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को आदेश का पालन नहीं करने पर अवमानना की कार्रवाई की चेतावनी दी और एसआईटी को मामला दर्ज करने का आदेश दिया. सरकार ने शुरुआत में कोई शिकायतकर्ता नहीं रहने का दावा किया था. लेकिन अंत में अदालत ने 30 मई तक अक्षय शिंदे एनकाउंटर मामले में लिप्त 5 पुलिस अधिकारियों के खिलाफ अपराध दर्ज करने का आदेश एसआईटी को दिया था.

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