7 दिन में पूरा किया जाएगा मराठा समाज का सर्वेक्षण
2 लाख प्रगणक करेंगे पिछडेपण की जांच
मुंबई/दि.5 – मराठा समाज के पिछडेपण को साबित करने हेतु राज्य सरकार युद्धस्तर पर काम में जुट गई है और समूचे राज्य में 2 लाख से अधिक प्रगणक सर्वेक्षण के जरिए जानकारी इकठ्ठा करते हुए आगामी 7 दिनों में अपनी रिपोर्ट देंगे. जिसके लिए उन्हें हैंडहेल्ड डिवाइज दिये जाएंगे. जिनके आधार पर सभी प्रगणक राज्य में जिला, तहसील व गांवस्तर पर घुमते हुए इस बारे में जानकारी संकलित कर अपनी रिपोर्ट देंगे.
बता दें कि, मराठा आरक्षण को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में 24 जनवरी से सुनवाई शुरु होने जा रही है. इस पार्श्वभूमि पर सरकार द्वारा भी आवश्यक कदम उठाए जा रहे है. मराठा समाज के आर्थिक व सामाजिक पिछडेपण को सिद्ध करने हेतु आवश्यक जानकारी की जरुरत होगी. जिसे संकलित करने हेतु प्रगणक नियुक्त किये जा रहे है. इन प्रगणकों को गतिमान ढंग से प्रशिक्षण देने हेतु विभागीय आयुक्त, जिलाधीश व मनपा आयुक्त द्वारा मास्टर ट्रेनर्स नियुक्त किये जाएंगे. बडे जिलों के लिए 2 से अधिक मास्टर ट्रेनर्स नियुक्त किये जा सकेंगे. वहीं प्रगणकों की संख्या की वृद्धि करने का अधिकार जिलाधीश के पास रहेंगा.
जनवरी माह के अंतिम सप्ताह में सर्वेक्षण पूरा होने के साथ ही पिछडा वर्गीय आयोग की रिपोर्ट आने की संभावना है. जिसके बाद फरवरी माह के पहले सप्ताह में ही विशेष अधिवेशन बुलाया जाएगा. जिसमें मराठा आरक्षण के प्रस्ताव को मान्यता हेतु रखा जाएगा. इस सर्वेक्षण हेतु राज्य पिछडावर्गीय आयोग ने अंतिम प्रश्नावली सूची तैयार की है. जिसे सभी विभागीय आयुक्त, जिलाधीश व मनपा आयुक्त के नाम भेजा जा चुका है. साथ ही सर्वेक्षण के कामकाज हेतु पुणे स्थित गोखले इंस्टीट्यूट ने एक सॉफ्टवेअर तैयार किया है, जो यूजर फे्ंरडली है और इस सॉफ्टवेअर को हैंडहेल्ड डिवाइस में इंस्ट्रॉल किया जाएगा तथा प्रश्नावली अनुसार सर्वेक्षण करते हुए सभी प्रश्नों के उत्तर इस डिवाइस के जरिए सॉफ्टवेअर में दर्ज करने होंगे. जिसके जरिए अंतिम रिपोर्ट तैयार की जाएगी.