‘एक जिला, एक पंजीयन’ में तकनीकी समस्या

महामार्ग से सटी व स्थगिती रहनेवाली जमीनों की सूची जरुरी

पुणे/दि.16- ‘एक जिला, एक पंजीयन’ उपक्रम के तहत अब किसी भी एक जिले के शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के दस्त पंजीयन कहीं पर भी करना संभव हो गया है. परंतु राज्य अथवा महामार्ग से सटी जमीनों तथा अदालत अथवा स्थानीय स्वायत्त संस्थाओं द्वारा स्थगिती आदेश जारी की गई जमीनों की सूची उपलब्ध नहीं रहने के चलते मूल्यांकन एवं दस्त पंजीयन में कई तरह की दिक्कते आ रही है. इस तकनीकी समस्या को दूर करने हेतु पंजीयन व मुद्रांक शुल्क विभाग के राज्यस्तरिय अधिकारियों द्वारा विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जा रही है. जिसे राज्य सरकार की ओर से मान्यता मिलने के बाद जिलांतर्गत दस्त पंजीयन बिना दिक्कत के शुरु हो जाएगा, ऐसा संबंधित अधिकारियों का कहना है.
बता दें कि, समूचे राज्य में 1 मई से ‘एक जिला, एक पंजीयन’ उपक्रम चलाया जा रहा है. जिसके चलते अब हर जिले में किसी भी एक तहसील में स्थित संपत्ति का दस्त पंजीयन उसी जिले की किसी अन्य तहसील के मुद्रांक शुल्क पंजीयन कार्यालय में किया जा सकता है. शहर से होकर गुजरने वाले राज्य एवं राष्ट्रीय महामार्ग से सटी जमीनों का दस्त पंजीयन करते समय ग्रामीण क्षेत्रों में इसे गट शेती के तौर पर समाविष्ट किया गया है. परंतु महामार्ग से सटी इन जमीनों का दस्त पंजीयन करते समय शहर में इसे गट संभाव्य गैर कृषि के तौर पर ग्राह्य माना जाता है. जिसके परिणाम स्वरुप इसका मूल्यांकन करते समय चौरस मीटर की इकाई में करना पडता है. ग्रामीण क्षेत्र में निश्चित तौर पर कौनसे कृषि गट ऐसे राज्य एवं राष्ट्रीय महामार्ग से सटे हुए है, इसकी सूची फिलहाल उपलब्ध नहीं हो पाई है. ऐसे में ग्रामीण क्षेत्र में ऐसा कोई दस्त शहरी क्षेत्र में दर्ज किए जाने के चलते उसका मूल्यांकन कम हो सकता है, ऐसा भय दुय्यम निबंधक स्तर के अधिकारियों द्वारा व्यक्त किया गया है. साथ ही कहा गया है कि, यदि ऐसी सूची उपलब्ध होती है तो शहर के दुय्यम निबंधक भी चौरस मीटर के अनुसार जमीन का मूल्यांकन कर सकेंगे.

Back to top button