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मध्य रेलवे के डीसीएम को मुद्दत

हाईकोर्ट में अगली सुनवाई 1 मार्च को

* मामला सभी प्रकार की किराया रियायत बंद करने का
नागपुर/ दि. 21- उच्च न्यायालय ने मध्य रेलवे के वरिष्ठ विभागीय वाणिज्य प्रबंधक आशुतोष श्रीवास्तव द्बारा दायर शपथपत्र को अधूरा बताते हुए नाराजगी व्यक्त की. श्रीवास्तव को विस्तृत शपथपत्र दायर करने के लिए और अवधि देते हुए अगली सुनवाई 1 मार्च को रखी है. हाईकोर्ट की न्या. नितिन सांबरे और न्या अभय मंत्री की खंडपीठ उस याचिका की सुनवाई कर रही है. जिसमें रेलवे को पहले के समान वरिष्ठ यात्रियों सहित सभी को दी जानेवाली छूट दोबारा शुरू करने का निर्देश देने की विनती की गई है. यह याचिका एड. संदीप बदाना ने दायर की है. उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के समय रेलवे ने भीड नहीं होने देने का दावा कर टिकट दरों में जो रियायतें बंद की थी तो अब तक उसे पुन: शुरू नहीं किया गया है. जिससे वरिष्ठ नागरिकों को दिक्तत हो रही है.
स्पष्ट शपथ पत्र चाहिए
पिछली सुनवाई के समय वरिष्ठ डीसीएम श्रीवास्तव कोर्ट के आदेश पर पेश हुए थे. हाईकोर्ट ने उन्हें स्पष्ट और संपूर्ण शपथपत्र प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था. आवश्यक जानकारी की प्रस्तुति के लिए कोर्ट ने अब रेल अधिकारी को और एक अवसर दिया है. पहले रेल मंत्रालय को किराए में छूट और अन्य रियायतों के बारे में कोर्ट ने नोटिस जारी की थी. उसका विस्तृत ब्यौरा मांगा था.
* पारदर्शी हलफनामा मांगा
हाईकोर्ट की खंडपीठ ने 30 विविध श्रेणियों में दी जारही रियायत को बंद करने के मामले में रेलवे से विस्तृत और पारदर्र्शी शपथपत्र प्रस्तुत करने कहा है. ताकि कोरोना महामारी दौरान रेल टिकट दरों में रद्द की गई छूट के बारे में सभी को भलीभांति जानकारी हो. सरकार की तरफ से एड. नंदेश देशपांडे ने पक्ष रखा.

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