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शिंदे के विद्रोह पश्चात ठाकरे ने दी थी ऑफर

फडणवीस का बडा गौप्यस्फोट

* प्रदेश की सियासत में खलबली
मुंबई/दि.2- उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने दावा कि एकनाथ शिंदे व्दारा बगावत करने पर उध्दव ठाकरे ने उन्हें अर्थात फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाने की पेशकश की थी. उनके दावे के बाद प्रदेश की राजनिती में हलचल मची है. एक समाचार चैनल को दी भेट वार्ता में फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र में हमारे लिए लोकसभा कोई अग्निपथ नहीं है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक वातावरण बना दिया है. उस आधार पर आराम से जीत हासील करेगें.
पूरी पार्टी लेकर आता हूं
फडणवीस ने दावा किया कि शिंदे के विद्रोह पश्चात उध्दव ठाकरे ने उन्हें फोन किया. कहा आप मुख्यमंत्री बनिए. ऐसा कहते हुए मुझे सीएम पद की ऑफर दी. किंतु समय बीत गया था. हम एकनाथ शिंदे के साथ आ रहे थे. जब यह चित्र स्पष्ट हो गया तो उसी दिन सबेरे उध्दव ठाकरे का मुझे फोन आया. कहने लगे देवेन्द्र जी उन लोगों को क्यों साथ देते हो अथवा उन्हें क्यों पद दे रहे हो? मैं पूरी पार्टी लेकर आ जाता हुं, आप मुख्यमंत्री बने. सब कुछ व्यवस्थित कर लेंगे. फडणवीस के इस राजफाश से राजकीय वातावरण तपने की पूरी संभावना है.
मोदी ने बना दिया माहौल
फडणवीस ने कहा कि इस बार का चुनाव भाजपा के लिए आसान नहीं होने की चर्चा शुरू है. उन्होनें कहा कि कोई चुनाव सरल नहीं होता. किंतु महाराष्ट्र में हमारे लिए लोकसभा अग्निपथ नहीं है. प्रधानमंत्री मोदी ने एक वातावरण बना लिया है. उसके कारण हम विजयी होगें. चुनाव में चुनौतियां तो होती ही है. हम ही विजयी होगे. ऐसा समझकर चलने से अपनी जीत के प्रयत्न कम हो जाते है.
प्रत्येक चुनाव चुनौती
फडणवीस ने कहा कि वे प्रत्येक चुनाव को चुनौती के रुप में ही लेते है. महाराष्ट्र में जीत के लिए संपूर्ण तैयारी हमने की है. मोदी की जनसभाओं में भारी भीड बढ रही है. प्रचार के लिए घुमते समय लोगों का जो प्रतिसाद मिल रहा है. उसे देखते हुए विजय का विश्वास है. फडणवीस ने इस बात के लोकसभा चुनाव में विकास के मुद्दे पिछडने के बारे में कहा कि हम विकास के मुद्दे पर ही चुनाव लड रहे है. विपक्ष को इस मुद्दे पर चुनाव नहीं लडना है. इस लिए गुमराह करने वाले बयान दिए जा रहे है. राजनिती में विरोधियों के आरोपो को उसी समय जवाब देना जरूरी होता है. इस लिए हम जवाब दे रहे हैं. फडणवीस ने कहा कि संविधान बदला नहीं जा सकता. विशेषज्ञों को इस बात का पूरा अहसास है और पता है. सर्वोच्च न्यायालय ने भी संविधान को छू नहीं सकने का निर्णय दिया है. जनता मेें बार-बार यह झूठ फैलाया जा रहा था, इसलिए उत्तर देना पडा.

 

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