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‘वह’ हादसा नहीं, बल्कि तिहरा हत्याकांड

माता-पिता व भाई को उतारा गया था मौत के घाट

* घर के ही बडे बेटे की करतूत, मचा हडकंप
हिंगोली/दि.15 – करीब 4 दिन पहले हिंगोली तहसील दिग्रस वणी खेत परिसर स्थित गड्ढे में दुपहिया वाहन गिरकर एक बुजुर्ग दम्पति सहित उनके युवा बेटे की मौत हो जाने की घटना सामने आयी थी. एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत हो जाने के चलते पूरे परिसर में शोक व्याप्त था. लेकिन अब यह जानकारी सामने आयी है कि, उन तीनों लोग की मौत हादसे में नहीं हुई, बल्कि परिवार के बडे बेटे ने ही अपने माता-पिता व छोटे भाई को मौत के घाट उतारकर उनके शवों को गड्ढे में लाकर फेंक दिया था. साथ ही वहीं पर दुपहिया वाहन को भी लाकर डाल दिया था, ताकि उसकी करतूत पर पर्दा पड जाये और लोगों को यह घटना किसी हादसे की तरह दिखाई दे. पुलिस ने इस मामले में महेंद्र जाधव नामक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है.
इस संदर्भ में पुलिस द्वारा की गई जांच के दौरान यह जानकारी सामने आयी कि, महेंद्र जाधव अविवाहित है और कोई कामधंधा भी नहीं करता है, बल्कि अक्सर ही अपने माता-पिता व भाई से पैसे मांगा करता था. जिसके लिए उसका घर में अक्सर ही झगडा हुआ करता था. इस बात से गुस्सा होकर उसने अपने माता-पिता व भाई को मौत के घाट उतारने हेतु दीपावली के समय से ही तैयारी करनी शुरु कर दी थी और वह लगातार क्राइम पेट्रोल नामक सीरियल देखा करता था. साथ ही उसने दृश्यम नामक फिल्म भी करीब 5 बार देख डाली और सभी बारिकियों को ध्यान में रखते हुए उसने तीनों को खत्म करने की योजना बनाई शुरु की. जिसके तहत उसने खुद को निंद नहीं आने की झूठी वजह बताते हुए डॉक्टर को नींद की गोलियां लिखवाकर ली और एक मेडिकल स्टोअर से नींद की गोलियां खरीदी. पश्चात 9 जनवरी की रात महेंद्र ने सबसे पहले अपने छोटे भाई विलास जाधव को चाय में नींद की गोलियां मिलाकर दे दी और जब विलास जाधव गहरी नींद में सो गया, तो महेंद्र ने उसके सिर पर लोहे की रॉड मारकर उसे मौत के घाट उतार दिया. पश्चात रात में ही गांव के पास स्थित नाली में विलास के शव को फेंक दिया. इसके बाद वह किसी बहाने से अपनी मां को खेत में लेकर गया. जहां पर मां को मौत के घाट उतारकर उसने शव को कपास के नीचे दबा दिया और रात में घर पर वापिस आकर पिता को नींद की गोलियां खिलाकर सुलाते हुए उनके सिर परभी रॉड से वार कर उन्हें मौत के घाट उतार दिया. इसके बाद वह दुपहिया वाहन पर अपने माता पिता के शवों को अपने भाई के शव के पास लेकर पहुंचा. जहां पर दोनों शवों को फेंकने के बाद उसने दुपहिया वाहन भी उन्हीं शवों के उपर फेंक दिया, ताकि ऐसा लगे कि, तीनो लोग दुपहिया वाहन हादसे का शिकार हुए है. इसके बाद महेंद्र ने अपने घर पहुंचकर पूरे घर में साफ-सफाई की और खून के दाग मिटाए. साथ ही माता-पिता व छोटे भाई की हादसे में मौत हो जाने की जानकारी संभाजी नगर में रहने वाले अपने भाई को दी. लेकिन भाई के आने से पहले ही उसने शवों को उठाने की जल्दबाजी की. साथ ही इस मामले में सडक हादसे के तहत आकस्मिक मौत का मामला दर्ज करने की वह जल्दबाजी कर रहा था. इससे पुलिस को महेंद्र पर संदेह हुआ और जब वासंबा पुलिस ने महेंद्र को अपने कब्जे में लेकर उससे पूछाताछ की, तो कुछ देर बार महेंद्र जाधव पुलिस के सामने टूट गया तथा उसने अपना जुर्म भी कबूल किया. महेंंद्र जाधव द्वारा दी गई जानकारी जब परिसरवासियों को पता चली, तो सभी लोग बेहद हैरत में पड गये. साथ ही इस तीहरे हत्याकांड की पूरी कहानी को सुनकर पुलिस भी कुछ हद तक चकरा गई.

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