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मामला 300 करोड के लिए सुपारी की किलिंग का

संपत्ति हथियाने बहू ने ही दी थी सुपारी

* आरोपी अर्चना पुट्टेवार गिरफ्तार
* ससुर पुरुषोत्तम को कुचलवा दिया कार से
नागपुर/दि.7 – 300 करोड की संपत्ति हथियाने के वास्ते 82 वर्षीय पुरुषोत्तम पुट्टेवार की हत्या किये जाने के निष्कर्ष पर पुलिस का जांच दल पहुंचा है. पुलिस ने पुट्टेवार की पुत्रवधु अचर्ना को गिरफ्तार किया है. वह चंद्रपुर में नगररचना अधिकारी के पद पर कार्यरत रहने की जानकारी देते हुए पुलिस ने मामले में भयंकर खुलासें किये हैं. अभी भी प्रकरण का एक प्रमुख आरोपी बगाडे पुलिस के हाथ नहीं लगा है. उसकी सरगर्मी से खोज की जा रही है. इस घटना के उजागर होने से नागपुर सहित विदर्भ में खलबली मची है हर कोई घटना की चर्चा कर रहा है.
* 22 मई को हुई हत्या
82 वर्षीय पुरुषोत्तम पुट्टेवार की गत 22 मई की सुबह मानेवाडा मार्ग पर दीनदयाल लाइब्ररी के पास कार से कुचलकर हत्या कर दी गई थी. पुट्टेवार करीब 300 करोड की पैतृक संपत्ति के मालिक थे. इस संपत्ति को लेकर सुपारी देकर उनकी हत्या कराये जाने का पता चला. पुलिस ने जांच तेज करवाई. सीपी सिंघल को निवेदन दिया गया था.
* चालक सहित 2 गिरफ्तार
पुलिस ने अपनी गलती सुधारते हुए मामले में जमानत पर छूटे कार चालक नीरज निमजे (30, शक्तिमाता नगर) और सचिन धार्मिक (29, जूना बगडगंज) को पकडा. उन्होंने पुट्टेवार के पुत्र डॉ. मनीष के ड्राइवर खरबी निवासी सार्थक बागडे का नाम लिया. सार्थक फरार होने से पुलिस उसे खोज रही थी. इधर आरोपियों से पूछताछ भी बराबर जारी थी.
* आया महिला अधिकारी का नाम
पूछताछ में आरोपी सचिन के मुंह से चंद्रपुर की महिला अधिकारी का नाम निकला. फिर मामले की परतें खुलने लगी. यह महिला अधिकारी अर्चना पुट्टेवार है, जो डॉ. मनीष की श्रीमती है. अर्चना पुट्टेवार सचिन धार्मिक के पिता की बीसी योजना में सदस्य थी. अर्चना को कार चालक की आवश्यकता थी. उसने मोहन धार्मिक को बताया. मोहन धार्मिक ने सार्थक बागडे का नाम बताया. सार्थक को डॉ. मनीष के यहां ड्राइवर की नौकरी लगा दी.
* सचिन को दी सुपारी
अर्चना ने सचिन धार्मिक को पुरुषोत्तम पुट्टेवार को मारने की सुपारी दी. उसने सचिन को सार्थक का नाम सामने नहीं आने देने कहा था. ऐसे होने पर अर्चना पर संदेह का खतरा बढ जाता. सचिन ने सार्थक के साथ अपने मित्र नीरज को भी योजना में शामिल कर लिया.
* 6 माह से तैयारी
सचिन और नीरज की तिकडी गत 6 माह से पुट्टेवार की हत्या की तैयारी में रेकी कर रहे थे. गत 8 मई को पुट्टेवार की पत्नी शकुंतला की हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी हुई. डॉ. मनीष का शुभ नगर में शुभम हॉस्पिटल है. यहां डॉ. मनीष ने एक विशेष कक्ष में मां शकुंतला को रखा था. शकुंतला की देखभाल के लिए पुट्टेवार रात में हॉस्पिटल में रहते थे. वह सुबह स्नान करने के लिए करीब स्थित बेटी योगिता पारलेवार के घर जाते थे. फरार सार्थक और सचिन को पुट्टेवार की दिनचर्या और पत्नी के भर्ती होने का पता था.
* खरीदी आई-20 कार
योजना के तहत नीरज ने 1.60 लाख रुपए में आई-20 कार खरीदी. उसे कार खरीदने के लिए सार्थक ने 1.20 लाख और सचिन ने 40 हजार रुपए दिए. घटना के दिन तीनों पुट्टेवार की हत्या करने के लिए शुभम हॉस्पिटल पहुंचे. सचिन एक्टीवा से आया, जबकि सार्थक और नीरज कार में सवार थे. सुबह 10 बजे पुट्टेवार ई-रिक्शा में सवार होकर हॉस्पिटल से रवाना हुए. आरोपी कार और एक्टिवा से पीछा करने लगे. पुट्टेवार बेटी के घर के पास स्थित गली के सामने ई-रिक्शा से उतर गए. इसकी खबर एक्टिवा पर सवार सचिन ने तत्काल सार्थक और नीरज को दी. उसने दोनों को जल्दी आकर काम करो बोला.
* नीरज ने कुचल डाला कार से
उसी वक्त वहां पहुंचकर नीरज ने पुट्टेवार को कार से कुचल डाला. डॉ. मनीष का बडा भाई हेमंत चंद्रपुर में रहता है. उसने सुबह 11 बजे मनीष को फोन करके घटना की सूचना दी. डॉ. मनीष की सूचना पर अजनीी पुलिस ने अज्ञात वाहन चालक के खिलाफ जानलेवा दुर्घटना का मामला दर्ज किया. उसने सीसीटीवी से कार बरामद करके नीरज को हिरासत में लेकर जमानत दे दी थी.

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