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कोर्ट के लिए फैसला देने की समयसीमा तय होनी चाहिए ः गडकरी

नागपुर/दि.11– समय सबसे बड़ी पूंजी है. कैबिनेट में कानून या ट्रिब्यूनलों से जुड़े कई मसलों पर चर्चा होती है. हम एक बात के कट्टर पक्षधर हैं कि न्यायपालिका किसी से प्रभावित नहीं होनी चाहिए. फैसला देदना न्यायपालिका का अधिकार है, लेकिन इसकी कोई समयसीमा होनी चाहिए. मैंने अपनी आंखों के सामने देरी के कारण देश की बड़ी-बड़ी कंपनियों को मिट्टी में मिलते देखा.जब उन्हें न्याय मिला, तब तक बहुत देर हो चुकी थी. समय सीमा तय हो, तो इससे हमारे लाखों-करोड़ों रुपए बच सकते हैं. केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितीन गडकरी रविवार को पारंगा स्थित महाराष्ट्र राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (एमएनएलयू) नागपुर के नए छात्रावास और एमिनिटी ब्लॉक के उदघाटन अवसर पर बतौर विशेष अतिथि बोल रहे थे.
गडकरी ने कहा कि मेडिकल, तकनीकी और विधि क्षेत्र की प्रतिष्ठित शिक्षा संस्थाओं के आने से नागपुर शहर अब सही मायनो में एजुकेशन हब बन गया है. इन संस्थाओं को अफने विकास के लिए अब नए आर्थिक विकल्प ढूंढने चाहिए. एमएनएलयू ने अपने विस्तार के लिए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से 50 करोड़ का कर्ज लिया, ठीक ऐसा ही शहर की एक अन्य बड़ी शिक्षा संस्था ने किया. मैं इसे ही सही मॉडल मानता हूं. हमारी दिक्कत है कि हम हर काम सरकार के पैसों से करना चाहते हैं, यह उचित नहीं है. शिक्षा संस्थानों को फीस से मिलने वाली आय बहुत होती है. इससे कर्ज चुकाया जा सकता है. इसमें गरीबों के लिए निःशुल्क शिक्षा का प्रबंध हो, जो दे सकता है, उसी से फीस ली जाये. यही एक कल्याणकारी राज्य को सुनिश्चित करता है.

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