शिवसेना, राष्ट्रवादी के विधायकों की अपात्रता प्रकरण ठहरा औचित्यहीन
नये सरन्यायाधीश के कार्यकाल में होगा फैसला
नई दिल्ली./दि.8- राज्य में शिवसेना व राष्ट्रवादी कांग्रेस के विधायकों की अपात्रता प्रकरण पर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई नही हो पाई है. शुक्रवार 8 नवंबर को यह सरन्यायाधीश धनंजय चंद्रचूड के कामकाज के अंतिम दिन रहने से इस प्रकरण की सुनवाई अब नये सरन्यायाधीश के पास नियुक्त होने वाली खंडपीठ के सामने होगी. मगर इस प्रकरण में निवर्तमान विधानसभा के विधायकों के संदर्भ में रहने से भविष्य में इस बाबत किसी भी निर्णय आया. फिर भी विधायकों के राजकीय भविष्य पर कोई भी परिणाम नहीं होगा. जिसके कारण एक अर्थ से यह प्रकरण अब औचित्यहीन यानी बेकार ही माना जाएगा.
शिवसेना ठाकरे गट व राष्ट्रवादी कांग्रेस के शरद पवार गट व्दारा अपने पार्टी के विधायक को अपात्र न ठहराया जाए इसके लिए विधानसभा अध्यक्ष के निर्णय के विरोध में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. इस दोनों ही याचिका पर एक ही दिन सुनवाई ली जाएगी. ऐस सरन्यायाधीश चंद्रचूड ने स्पष्ट किया था. मगर विगत तीन महीने में ऐसी सुनवाई नहीं हो पाई है. पिछले छह सप्ताह से यह प्रकरण समय पर थी. मगर अन्य प्रकरण की सुनवाई लंबे समय पर चलने के कारण इस याचिका की सुनवाई नही ंहो पाई. शिवसेना विधायक के अपात्रता प्रकरण में ठाकरे व शिंदे गट व्दारा कोर्ट के सामने अपनी अपनी गवाही पेश की. राष्ट्रवादी कांग्रेस के प्रकरण में अजित पवार व उनके साथ के विधायक ने अपने उत्तर पेश किए. दौरान समय पर शिवसेना(उबाठा) व राष्ट्रवादी कांग्रेस (शरद पवार) ने तुरंत सुनवाई होने के लिए जल्दबाजी नहीं की. दूसरी ओर विधानसभा अध्यक्ष व्दारा दिए गए अपात्रता के निर्णय के विरुध्द शिवसेना (एकनाथ शिंदे) व राष्ट्रवादी (अजित पवार) की याचिका मुंबई उच्च न्यायालय में प्रलंबित है.