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मराठा आंदोलन की सबसे बडी सफलता, जरांगे की सभी मांगे मान्य

आधी रात को तीन घंटे की बैठक में निकला हल

* शासन निर्णय और लिखित पत्र लिए आंदोलक ने अपने हाथ
मुंबई/दि.27- मराठा आरक्षण के लिए आर-पार की लडाई की घोषणा कर तीसरी बार अनशन पर बैठे मनोज जरांगे और समर्थकों को उस समय सबसे बडी सफलता प्राप्त हुई, जब सरकार ने उनकी तीनों प्रमुख मांगे मान्य कर ली. मराठा समाज के 54 लाख लोगों के रिकॉर्ड में मिले कुणबी उल्लेख के अभिलेख को देखते हुए सगे संबंधियों को भी कुणबी प्रमाणपत्र देने, तत्काल अध्यादेश जारी करने, विधानमंडल का सर्वसम्मत प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार को भेजने की घोषणा करने के साथ लिखित रुप से जरांगे पाटिल को शिंदे सरकार को उसे सौंपना पडा. तदुपरान्त पूर्वान्ह 11 बजे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के हस्ते जूस पीकर जरांगे ने अपना अनशन खत्म कर दिया. इन घोषणाओं से पूरे प्रदेश में मराठा समाज खुश हो गया है. अनेक भागों में जल्लोष भी शुरु हो गया है.
* लावलष्कर के साथ नवी मुंबई में
जरांगे पाटिल ने पिछले शनिवार 20 जनवरी को अपने गांव आंतरवाली सराटी से मुंबई की ओर प्रस्थान किया था. हजारों कार्यकर्ता उनके साथ पैदल मार्च में निकल पडे. लावलष्कर के साथ प्रदेश की सांस्कृतिक राजधानी पुणे होते हुए 26 जनवरी की सवेरे वे राजधानी मुंबई के पास वाशी में दाखिल हुए. उनका जोश कायम था. मुंबई में मराठा समाज आंदोलन को देखते हुए भारी पुलिस बंदोबस्त तैनात करने के साथ कोई अनहोनी न हो, इसके लिए खुफिया विभाग संपूर्ण सावधानी बरत रहा था.
* वाशी में भूख हडताल
इससे पूर्व सितंबर और नवंबर में दो बार भूख हडताल कर चुके मनोज जरांगे पाटिल ने समर्थकों के साथ सरकार की तमाम कोशिशों को ठुकराते हुए वाशी में ही भूख हडताल गणतंत्र दिवस से शुरु कर दी थी. उनके हजारों समर्थक भी साथ रहने से शासन पर दबाव बढा. हालांकी पुलिस प्रशासन ने जरांगे पाटिल को आजाद मैदान पर भूख हडताल की अनुमति नहीं दी थी.
* सीएम ने बुलाई अर्जंट बैठक
मुख्यमंत्री शिंदे ने प्रशासकीय और पुलिस अधिकारियों की तत्काल आपात बैठक आहूत की. जिसमें जरांगे पाटिल व्दारा 26 जनवरी को की गई मांगों पर चर्चा की गई. उसी प्रकार सीएम ने सुरक्षा व्यवस्था का भी आंकलन किया. सरकार की तरफ से बताया गया कि जरांगे की मांगों के अधिकांश मुद्दों पर हल खोज लिया गया. बैठक में मुंबई के पालकमंत्री दीपक केसरकर, मुंबई उपनगर के पालकमंत्री मंगलप्रभात लोढा, पुलिस आयुक्त विवेक फंनसालकर, वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, सामाजिक न्याय विभाग के सचिव सुमंत भांगे आदि उपस्थित थे.
* तडके निकला जीआर, एक शब्द ने किया खुश
सरकार की तरफ से जरांगे पाटिल से चर्चा के लिए मंत्री दीपक केसरकर और विभाग के सचिव सुमंत भांगे पहुंचे थे. तीन घंटे तक चर्चा हुई. कंबल लपेटे भूख हडताल पर बैठे जरांगे ने जीआर अभी रात में ही जारी करने की जिद की. सरकार ने उस पर भी राजी होते हुए तडके 5 बजे अध्यादेश जारी किया. जिसमें सगे संबंधियों शब्द का खास रुप से उल्लेख रहा. इसी शब्द के कारण मराठा समाज सहमत हुआ और आंदोलन खत्म करने पर भी राजी हुआ.
* क्या कहा जरांगे ने
मनोज जरांगे ने गत रात आजाद मैदान पर भाषण दिया. जिसमें उन्होंने बताया कि कुणबी उल्लेख के 57 लाख अभिलेख मिले हैं. जिसमें से 37 लाख लोगों को कुणबी प्रमाणपत्र वितरण की जानकारी सरकार ने दी है. इसके अलावा प्रत्येक अभिलेख पर 5 लोगों को भी आरक्षण मिला तो ढाई करोड मराठा को आरक्षण मिलने का विश्वास मनोज जरांगे ने व्यक्त किया. उन्होंने सगे संबंधियों के बारे में अध्यादेश निकालने की मांग सरकार के सामने रखी. जरांगे ने अध्यादेश जारी होने तक मुंबई न छोडने की बात कही.
* सीएम के हाथों पिया जूस
सवेरे 11 बजे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे वाशी में दाखिल हुए. उनके साथ काफिला रहा. उससे पहले मंत्री केसरकर और लोढा ने जरांगे पाटिल और उनके साथियों को लिखित पत्र दे दिए थे. सरकार का प्रतिनिधि मंडल नया अध्यादेश लेकर जरांगे पाटिल से मिला था. अत: मुख्यमंत्री के हस्ते संतरा जूस पीकर जरांगे पाटिल ने भूख हडताल खत्म करने की घोषणा की. उन्होंने यह भी कहा कि गुलाल उडाते हुए घर जाएंगे.
* विजयी सभा
जरांगे ने हजारों मराठा कार्यकर्ताओं के साथ विजय सभा ली. जिसमें उन्होंने कहा कि समाज से पूछकर, चर्चा कर उन्होंने अपनी भूख हडताल खत्म करने का निर्णय किया है. वे समाज को ही मां-बाप मानते हैं. उनका समस्त आंदोलन पुत्र के रुप में रहा. छत्रपति शिवाजी महाराज चौक में मुख्यमंत्री शिंदे की उपस्थिति में विजयी सभा हुई.
* सीएम की प्रशंसा, हमारा विरोध खत्म
विजय सभा में जरांगे पाटिल ने कहा कि एकनाथ शिंदे साहब ने अच्छा काम किया है. हमरा विरोध अब खत्म हो गया है. हमारी मांगे मान्य कर ली गई है. मुख्यमंत्री के हस्ते जूस पीकर अनशन छोड रहा हूं. सकल मराठा समाज के पूरे प्रदेश से आए कार्यकर्ताओं की भारी भीड ठंड के बावजूद विजय सभा में रही. कार्यकर्ता बार-बार जयघोष कर रहे थे, नारे लगा रहे थे.
* सरकार ने निकाला हल
मराठा आरक्षण आंदोलन के बारे में मंत्री मंगलप्रभात लोढा ने कहा कि मनोज जरांगे के नेतृत्व में शुरु आंदोलन का हल निकाल लिया गया है. जिसके बाद जरांगे ने भी घोषणा की. जरांगे ने जानकारी दी कि मुंबई हाईकोर्ट के वरिष्ठ वकीलों ने अध्यादेश और सरकार व्दारा दिए पत्र का एक-एक शब्द पढा. उस पर सहमती दर्शायी. तब जाकर आंदोलन खत्म करने का निर्णय किया गया.
* हम जातिवादी नहीं
जरांगे ने विजय सभा में यह भी कहा कि हम जातिवादी नहीं हैं. कौंन जातिवादी है, यह खुलकर सामने आ गया है. उन्होंने कहा कि आरक्षण के लिए संपूर्ण समाज ने मेहनत की. मुंबई में मराठा समाज के पहुंचने के बाद यह निर्णय हुआ. आगे भी मराठा समाज के लिए संघर्ष जारी रखने का ऐलान कर मुख्यमंत्री शिंदे की कार्यप्रणाली की पुन: जरांगे ने जी भरकर प्रशंसा की.
* अपराध होंगे रद्द
मनोज जरांगेे ने विजय सभा में कहा कि दो अलग-अलग बैठकें हुई. मंत्री महोदय तथा सचिव की एक बैठक हुई. हमारे वकील बांधव की अलग बैठक हुई. सगे संबंधियों को प्रमाणपत्र देने का अध्यादेश जारी हुआ है. तीसरा मुद्दा आंतरवली सहित राज्यभर मराठा आंदोलकों पर दर्ज केसेस पीछे लेने का पत्र भी गृह मंत्री ने दिया है. जरांगे ने कहा कि मराठवाडा, विदर्भ में कम अभिलेख मिले हैं. अत: अभिलेख खोजने शिंदे समिति को मुद्दत बढाकर देने की मांग भी मान्य कर ली गई है. सभी पत्र और शासन निर्णय हमने ले लिए हैं. वंशावली जोडने के लिए तहसील स्तर पर समिति का निर्णय हुआ है. समाज का बडा काम आज हो गया. इसलिए समाज के रुप में अब हमारा विरोध खत्म होता है. उन्होंने कहा कि समाज का काम करते समय हमने किसी भी पार्टी को नहीं बक्शा. अब हमारा विरोध का विषय खत्म होता है. विजय सभा के बाद मनोज जरांगे मुंबई जाने वाले थे. किंतु उन्होंने सीएम के हस्ते शरबत पीकर अंतरवाली सराटी की राह लेने की घोषणा कर दी.
* जरांगे का संघर्ष सफल
मंत्री दीपक केसरकर ने जरांगे पाटिल को अध्यादेश की कॉपी सौंपने के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि राज्य सरकार ने उनकी सभी मांगे मान्य की है. संदर्भ के सभी कागजाद उन्हें सौंपे गए हैं. जरांगे ने अपने समाज के लिए बहुत बडा संघर्ष किया. उनके संघर्ष को सफलता मिली है. सीएम एकनाथ शिंदे सतत मुझसे संपर्क कर रहे थे. इस काम को पूर्ण करने में उन्होंने मुझे बडी मदद की. समाज को मिलने सीएम आ रहे हैं.

* यह थी मांगे, जरांगे-सरकार में सहमती
– मराठा समाज को 54 लाख लोगों के कुणबी अभिलेख मिले हैं. उनके जाति प्रमाणपत्र वितरीत करने और ग्राम पंचायत के बाहर नाम सहित दीवार पर कागज चिपकाने की मांग.
– 37 लाख लोगों को प्रमाणपत्र दिए हैं, उसकी जानकारी आंदोलकों को देने की मांग.
– शिंदे समिति रद्द न करे, कुणबी अभिलेख की खोज जारी रखें. दो माह की अवधि बढाकर दी जाए. समिति का कार्यकाल चरण दर चरण बढाया जाने की मांग.
– दर्ज परिवारों को प्रमाणपत्र दिए जाए, सरकार अध्यादेश जारी करें. प्रतीज्ञापत्र नि:शुल्क दिए जाए.
– पूरे महाराष्ट्र में विविध स्थानों पर मराठा आंदोलकों पर दर्ज केसेस रद्द करने की मांग.
– सर्वोच्च न्यायालय में दायर क्यूरेटिव याचिका पर निर्णय होने तक समाज के बच्चों को 100 प्रतिश नि:शुल्क शिक्षा दी जाए. आरक्षण का निर्णय होने तक सरकारी भर्ती रोकी जाए.

* जेसीबी से बरसाएं फूल
जरांगे पाटिल की विजय सभा शुरु होने से ठीक पहले उन पर सात-आठ जेसीबी से पुष्प बरसाएं गए. अभीभूत जरांगे ने इसे समाज की विजय कहा.

* हिंगोली, बीड में आतिशबाजी
हिंगोली और बीड जिले में मराठा समाज का जल्लोष आरंभ हो गया. दूध विक्रेताओं ने एक हजार लीटर दूध का वितरण कर आनंद व्यक्त किया. एक मराठा लाख मराठा की घोषणा से परिसर गुंजायमान हो उठा. बीड में भी ससेवाडी में पटाखे फोडकर आनंद व्यक्त किया गया.

 

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