राज्य का स्वास्थ्य खतरे में, बताए कब होगी भर्ती?
संचालक पद से लेकर ‘ड’ श्रेणी के कर्मियों तक 26 फीसद पद रिक्त
मुंबई/दि.17- सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग में 2 संचालक, 4 अतिरिक्त संचालक, 5 सहसंचालक, 23 उपसंचालक आदि पद रिक्त है. पद भरने के लिए एमपीएससी के जरिए प्रक्रिया चलाई जाए, ऐसा अधिकारियों को नहीं लगता. क्योंकि नीचे के पदों के अधिकारियों को अपने पद अपग्रेड कर महत्व के पदों पर बैठे रहना है. इसके अलावा जिला स्वास्थ्य अधिकारी संवर्ग के 121, जिला शल्य चिकित्सक संवर्ग के 338, विशेषज्ञ डॉक्टरों के 479, प्रथम श्रेणी के वैद्यकीय अधिकारियों के 983 और द्बितीय श्रेणी के वैद्यकीय अधिकारियों के 238 पद भी रिक्त है.
ठाणे के कलवा हॉस्पिटल के जांच के आदेश सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग ने निकाले है. रिक्त पद रहने से इसकी जांच सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग कैसे कर सकेगा? ऐसा प्रश्न कुछ अधिकारियों ने उपस्थित किया है. स्वास्थ्य विभाग की विभागीय पदोन्नत समिति ही फिलहाल कोमा में है. संचालक पद अनेक वर्ष रिक्त रहा तो, यह पद मिलने के लिए स्पर्धा तो छोडिए लेकिन कनिष्ठ अधिकारियों की इच्छा भी नहीं है. क्योंकि नियमानुसार उनकी पात्रता नहीं है. लेकिन दूसरी, तीसरी और तीसरी श्रेणी के सक्षम और प्रोत्साहित कर निश्चित रुप से इस परिस्थिति पर जल्द हल निकालने की बात सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव मलिंद म्हैसकर ने कही.
* वरिष्ठ पद का अतिरिक्त कार्यभार
11 अगस्त को स्वास्थ्य विभाग ने कनिष्ठ पद पर कार्यरत 8 अधिकारियों को वरिष्ठ पद का अतिरिक्त कार्यभार संभालने के आदेश जारी किए.
* आननफानन में तबादले किसलिए?
पुणे और मुंबई में संचालक पद पर अतिरिक्त कार्यभार के रुप में कार्यरत रहे डॉ. नितिन अंबाडेकर और डॉ. स्वप्नील लाडे नामक दो अधिकारियों का कार्यभार तत्काल निकाला गया है. इस पद का अतिरिक्त पदभार लेने के लिए भी अब स्पर्धा शुरु हुई है.
मंजूर पद – 65791
भरे गए पद – 48686
रिक्त पद – 17105