कोंकण रेलवे का स्वतंत्र अस्तित्व होगा खत्म
भारतीय रेलवे में होगा विलिनीकरण

* सीएम फडणवीस के पत्र की जमकर चर्चा
मुंबई/दि.22 – अब तक अपना स्वतंत्र अस्तित्व रखनेवाली कोंकण रेलवे का भारतीय रेलवे में विलिनीकरण करने हेतु महाराष्ट्र सरकार ने हाल ही में अपनी सहमती प्रदान की है. जिसके तहत राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कोंकण रेलवे कार्पोरेशन लिमीटेड का भारतीय रेलवे में विलिनीकरण करने हेतु महाराष्ट्र सरकार की सहमती रहने का पत्र लिखा है. साथ ही इस पत्र में यह निवेदन भी किया गया है कि, कोंकण रेलवे की पहचान बनाए रखने हेतु विलिनीकरण के बाद ही भारतीय रेलवे द्वारा इस रेलवे मार्ग के लिए कोंकण रेलवे का नाम कायम रखा जाए.
बता दें कि, कोंकण रेलवे कार्पोरेशन की स्थापना सन 1990 में पश्चिम घाट के चुनौतीपूर्ण भूभाग पर रेलवे प्रकल्प शुरु करने हेतु की गई थी. जिसके तहत महाराष्ट्र के रोहा से केरल के मंगलोर तक पहले इस क्षेत्र में रेल मार्ग के सर्वेक्षण व निर्माण तथा रेल सेवाओं का संचालन करने की जिम्मेदारी कोंकण रेलवे कार्पोरेशन पर सौंपी गई थी. शुरुआती दौर में इस कार्पोरेशन की शेयर धारक रचना में भारत सरकार की 51 फीसद, महाराष्ट्र की 22 फीसद, कर्नाटक की 15 फीसद तथा गोवा व केरल की 6-6 फीसद हिस्सेदारी का समावेश था. पश्चात 9 नवंबर 2011 को हुई संचालक मंडल की बैठक में शेयर धारक रचना की पुनर्रचना की गई.
कोंकण रेलवे कार्पोरेशन ने महाराष्ट्र के रोहा व केरल के मंगलोर के बीच रेल मार्ग का निर्माण सफलतापूर्वक किया और इस मार्ग पर इस समय कोंकण रेलवे की विशेष सेवाओं का परिचालन हो रहा है. वहीं अब महाराष्ट्र सरकार ने कोंकण रेलवे को भारतीय रेलवे में विलिनीकरण करने को मान्यता देने का निर्णय लिया है. साथ ही अन्य शेयर धारक राज्यों ने भी इस विलिनीकरण हेतु अपनी सहमती प्रदान की है.