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‘वैनगंगा-नलगंगा’ की कीमत 80 हजार करोड़

प्रशासकीय मंजूरी की प्रतीक्षा कायम, 6 जिलों का प्रकल्प

नागपुर/दि.9– गोसेखुर्द का पानी पश्चिम विदर्भ को पहुंचाने के लिए वैनगंगा-नलगंगा प्रकल्प की कीमत 80 हजार करोड़ रुपए हुई है. प्रकल्प के प्रस्ताव को अब तक प्रशासकीय मंजूरी नहीं मिली है.
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे व उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने वैनगंगा-नलगंगा प्रकल्प बाबत मुंबई में उच्चस्तरीय बैठक ली. 6-7 वर्षों से इस प्रकल्प की चर्चा शुरु है. फडणवीस सरकार के काल में प्रकल्प की कीमत करीबन 55 हजार करोड़ रुपए थी. गोसेखुर्द से बुलढाणा जिले के नलगंगा प्रकल्प तक 426 किलोमीटर लंबाई की मुख्य नहर है.नागपुर,वर्धा,अमरावती,यवतमाल,अकोला एवं बुलढाणा इन 6 जिलों के 15 तहसीलों से यह प्रकल्प जाएगा.प्रकल्प को गति देेने के आदेश मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने दिये वहीं निधी का प्रावधान करने की बात उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कही.
विदर्भ के महत्वाकांक्षी प्रकल्प में वैनगंगा-नलगंगा का समावेश था. इस प्रकल्प से करीबन पौने चार लाख हेक्टर जमीन को सिंचाई का लाभ मिलने की संभावना है. सिंचाई की सुविधा से खरीफ व रब्बी दोनों मौसम के लिए व्यवस्था होगी. मुबलक पानी के कारण अन्य उद्योग धंधों को भी गति मिलेगी, ऐसा माना जा रहा है.
हैदराबाद के राष्ट्रीय जलविकास प्राधिकरण ने प्रकल्प का लेखाजोखा तैयार किया. राज्यस्तरीय तकनीकी सलाहगार समिति ने मुख्य प्रस्ताव में कुछ तकनीकी त्रुटी निकाली थी. जिसे दूर किया गया. प्रकल्प की अद्यावत कीमत 80 हजार करोड़ रुपए हुई है. इस प्रकल्प को प्रशासकीय मंजूरी मिलने के पश्चात पर्यावरण, वन विभाग, केंद्रीय जल आयोग व अन्य संबंधित संस्थाओं की मंजूरी लेनी पड़ेगी. गोसेखुर्द के कारण पूर्व विदर्भ सुजलाम सुफलाम हो सकता है तो वैनगंगा-नलगंगा के कारण पश्चिम विदर्भ के पीने का पानी, सिंचाई एवं औद्योगिक इस्तेमाल के लिए पानी का प्रश्न दूर हो सकता है. वहीं विदर्भ के अधिकांश भागों में अकाल की स्थिति पर मात किया जा सकेगा.
वैनगंगा-नलगंगा प्रकल्प को प्रशासकीय मंजूरी अंतिम चरण में होने की जानकारी विदर्भ सिंचाई विकास महामंडल की अधीक्षक अभियंता मेघा अक्केवार ने दी.

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