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जय गजानन के उद्घोष से गुंजायमान हुई संत नगरी

शेगांव में धूमधाम से मनाया जा रहा श्रीं का 147 वां प्रगट दिवस उत्सव

* विदर्भ सहित समूचे राज्य से सैकडों भजन दिंडीयां उत्सव में सहभागी
* समाधि मंदिर में माऊली के हजारों भाविकों का सैलाब
शेगांव/दि. 20- श्री संत गजानन महाराज का 147 वां प्रगट दिवस उत्सव आज संत नगरी शेगांव में बडे हर्षोल्लास व भक्तिमय वातावरण के साथ मनाया जा रहा है. इस प्रगट दिवस उत्सव के चलते विदर्भ सहित समूचे महाराष्ट्र से सैकडों भजनी दिंडीयां व लाखों भाविक श्रद्धालु संत नगरी शेगांव में उपस्थित हुए है तथा पूरा शेगांव परिसर ‘जय गजानन, श्री गजानन’ तथा ‘गण गण गणात बोते’ के उद्घोष से गुंजायमान होता दिखाई दिया. साथ ही संत नगरी शेगांव में हर ओर सडकों पर ताल-मृदंग के साथ भजन-कीर्तन करती भजन दिंडीयां भी संजीवन समाधि मंदिर की ओर आगे बढती दिखाई दी.
विशेष उल्लेखनीय है कि, प्रगट दिवस की पूर्व संध्या यानी बुधवार की शाम से ही शेगांव सहित संत गजानन महाराज के संजीवन समाधि मंदिर में भाविक श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला शुरु हो गया था. जहां पर विगत एक सप्ताह से ही विविध धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन चल रहा है. साथ ही प्रगट दिवस पर भाविक श्रद्धालुओं की उमडनेवाली भीड के मद्देनजर मंदिर संस्थान द्वारा दो दिनों तक पूरी रात मंदिर को श्रद्धालुओं के दर्शन हेतु खुले रखने का भी निर्णय लिया गया. ऐसे में बुधवार की शाम से गुरुवार की सुबह तक रातभर के दौरान लगातार मंदिर में भाविकों द्वारा श्रीं की संजीवन समाधि का दर्शन लिया जाता रहा. साथ ही बुधवार 19 फरवरी की शाम तक शेगांव में 840 से अधिक भजन दिंडीयां पहुंच चुकी थी और देर रात तक भजन दिंडीयों के आने का सिलसिला जारी था.
ज्ञात रहे कि, विगत गुरुवार 13 फरवरी को सुबह 10 बजे श्री महारुद्र स्वाहाकार याग से श्रीं के प्रगट दिवस उत्सव का प्रारंभ हुआ और इस दौरान विभिन्न भक्तिमय व मंगलमय धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते रहे. जिसके बाद आज गुरुवार 20 फरवरी को श्रीं के प्रगट दिवस का मुख्य उत्सव मनाया गया. जिसके तहत सुबह 10 बजे यज्ञ-याग की पूर्णाहुति व अवभृत स्नान की विधि पूर्ण हुई और सुबह 10 से 12 बजे के दौरान हभप श्री भरतबुवा पाटिल (म्हैसवाडी) द्वारा प्रगट दिवस निमित्त कीर्तन प्रस्तुत किया गया. इसके उपरांत शाम 4 बजे हाथी व घोडे सहित श्रीं की पालखी नगर परिक्रमा हेतु मार्गस्थ हुई. इस समय समूचे राज्य से शेगांव पहुंचे पालखी-दिंडीयों, वारकरियों व भाविक श्रद्धालुओं ने इस नगर परिक्रमा में हिस्सा लिया.
प्रगट दिवस निमित्त नगर परिक्रमा हेतु दोपहर 4 बजे मंदिर से निकली श्रीं की पालखी मंदिर परिसर के सेवाधारी प्रसादालय के पास स्थित उत्तर द्वार से बाहर निकलकर महात्मा फुले बैंक, क्रांतिसूर्य महात्मा ज्योतिबा फुले चौक, श्री संत सावता माली चौक, श्री हरिहर मंदिर, भीमनगर, तीन पुतला परिसर, सावित्रीबाई फुले चौक, फुले नगर, श्रीं के प्रकट स्थल, सीता माता मंदिर, श्री गर्गाचार्य मंदिर परिसर से होते हुए मंदिर के पश्चिम द्वार से मंदिर परिसर में शाम 6 बजे के आसपास पहुंची.

झलकियां
– श्रीं के प्रगट दिवस उत्सव निमित्त संत गजानन महाराज समाधि मंदिर पर आकर्षक रोशनाई की गई है.
– मंदिर परिसर में हर ओर केले के पत्तों के खंबो को सजाते हुए आम के पत्तों से तोरण व बंदनवार सजाए गए हैं.
– प्रगट दिवस निमित्त शेगांव में हर और भक्तिमय वातावरण का निर्माण हुआ है और सभी वारकरी व भाविक श्रद्धालु श्रीं के नामजप में तल्लीन दिखाई दे रहे है.
– राज्य के अलग-अलग शहरों से आई भजन दिंडीयों द्वारा ताल व मृदंग के साथ किए जा रहे भजन-कीर्तन से पूरा शेगांव परिसर गुंजायमान है.
– भाविकों की जबरदस्त भीड के चलते कोई अप्रिय घटना घटित न हो, इस बात के मद्देनजर मंदिर परिसर में वन-वे यानी एकेरी मार्ग की व्यवस्था की गई है. इसके तहत श्रीं के समाधि दर्शन की व्यवस्था, श्रीं मुख दर्शन व्यवस्था, श्रीं महाप्रसाद व श्रीं पारायण कक्ष मंडप जैसी व्यवस्थाओं का समावेश किया गया है.
– विदर्भ व राज्य के अलग-अलग शहरों सहित आज श्रीं के प्रगट दिवस अवसर पर देश के अन्य राज्यों सहित विदेशों से भी भाविक श्रद्धालुओं का शेगांव में आगमन हुआ है.

* मंदिर संस्थान ने 18 हजार गांवों में नि:शुल्क बांटा भजनी साहित्य
– 7 हजार से अधिक युवाओं को दिया वारकरी प्रशिक्षण
– हाईटेक व ऑटोमेटेड पार्किंग व्यवस्था पर अमल
– श्री संत गजानन महाराज के प्रगट दिवस निमित्त शेगांव मंदिर संस्थान द्वारा करीब 18 हजार गावों में नि:शुल्क भजनी साहित्य का वितरण किया गया. इस भजनी साहित्य में 10 टाल जोड, एक मृदंग व एक वीणा का समावेश है. इसके साथ ही शेगांव मंदिर संस्थान द्वारा धर्म, संस्कृति व अध्यात्म के संवर्धन के साथ-साथ युवाओं को व्यसनमुक्त रखने के लिए भी विविध उपक्रम चलाए जा रहे है. जिसके तहत कक्षा 8 वीं से 12 वीं के बाद कमजोर आर्थिक स्थिति के चलते पढाई करने में असक्षम रहनेवाले युवाओं को वारकरी प्रशिक्षण दिया गया और 7 हजार से अधिक युवाओं को वारकरी के तौर पर प्रशिक्षित किया गया. इसके साथ ही शेगांव संस्थान में शेगांव में श्रीं के दर्शन हेतु आनेवाले भाविकों के वाहनों को पार्क करने हेतु देश में अपनी तरह की सबसे पहली व ऑटोमेटेड पार्किंग व्यवस्था भी उपलब्ध कराई है. बेहद साफसुथरे इस पार्किंग जोन में एक समय पर 5 हजार कार, 3 हजार बाईक व 20 बसे पार्क हो सकती है. साथ ही पार्किंग की क्षमता एवं पाकिंग हेतु जगह की उपलब्धता को दर्शानेवाला डिजिटल फलक भी लगाया गया है. साथ ही साथ पाकिंग में कार कहां खडी है यह दिखाने के लिए डिजिटल कार लोकेशन, आयडेंटीफिकेशन सिस्टीम को भी कार्यान्वित किया गया है. इस पार्किंग में सुरक्षा रक्षक, सीसीटीवी कैमरे, वाहन चालकों हेतु विश्रांती गृह, स्वच्छता गृह की व्यवस्था के साथ ही भीतर आने व बाहर जाने के लिए अलग-अलग रास्ते दिए गए है.

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