* एक देश एक चुनाव समिति को सिफारिश
मुंबई /दि. 21- प्रदेश के चुनाव आयुक्त रहे यूपीएस मदान ने एक देश एक चुनाव समिति को बताया कि राज्यों के चुनाव आयोग बर्खास्त करने की नौबत आ सकती है. उन्होंने अपनी सिफारिश रामनाथ कोविंद समिति के सामने रखने की जानकारी मीडिया को दी. एक देश एक चुनव के लिए एक ही वोटरलिस्ट और मतदान केंद्र रहेंगे. चुनाव कार्यक्रम क्रियान्वयन की जटिल प्रक्रिया को सुलभ करने की आवश्यकता पर भी मदान ने बल दिया. उन्होंने कहा कि मानव संसाधन और विविध साधनों की बचत के लिए देश में सभी स्तरों पर चुनाव केन्द्रीय आयोग द्बारा लिए जाने चाहिए.
उल्लेखनीय है कि मोदी सरकार ने पिछले वर्ष देश में सभी चुनाव एक साथ कराने के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में 9 लोगों की विशेषज्ञ समिति गठित की थी. उसमें गृह मंत्री अमित शाह, वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, वित्त आयोग के अध्यक्ष ए.के. सिंह, लोकसभा के पूर्व सचिव सुभाष कश्यप, वरिष्ठ कानूनविद हरीश तालवे, पूर्व सतर्कता आयुक्त संजय कोठारी, कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, केन्द्रीय सचिव डॉ. नितेन चंद्र आदि का समावेश है.
समिति ने गत 6 माह में विविध क्षेत्रों के विशेषज्ञ और मान्यवरों से संवाद किया. उनमें विचारक, प्रशासकीय अधिकारी, पूर्व चुनाव आयुक्त सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश, राष्ट्रीय और प्रादेशिक दलों के पदाधिकारी व नेताओं, कानून विशेषज्ञों का समावेश है.
यूपीएस मदाने बताया कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव की मतदाता सूची अलग से तैयार की जाती है. इसके लिए समय, पैसा और मानव संसाधन की लागत आती है. इसलिए लोकसभा हो या विधानसभा अथवा स्थानीय निकाय सभी के लिए एक ही वोटर लिस्ट का उपयोग होना चाहिए. उसी प्रकार स्थानीय वार्ड/प्रभाग और देहाती भागोें में पर्याप्त मात्रा में इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन उपलब्ध न रहने पर मतपेटी का उपयोग करने की छूट होनी चाहिए. सभी स्तरों पर मतदान केंद्र भी वही रहने चाहिए. जिससे सिस्टम पर भार नहीं पडेगा. इसके लिए अनुच्छेद 324 (4) अनुसार कानूनी अधिकार प्रदान करते हुए देश के प्रत्येक राज्य के चुनाव आयोग को बर्खास्त करने की सिफारिश यूपीएस मदान ने कोविद समिति को की है.