तीन वर्षों से अधर में लटके स्वायत्त निकायों के चुनाव होने का रास्ता खुला
चार माह के भीतर होंगे स्वायत्त निकायों के चुनाव

* अगले चार सप्ताह में जारी करना होगा नोटीफिकेशन
* सन 1994 से 2022 तक रहनेवाले ओबीसी आरक्षण के साथ होंगे चुनाव
* सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र निर्वाचन आयोग को दिया निर्णय लेने का आदेश
* चुनाव को प्रलंबित रखने पर सुप्रीम कोर्ट ने जताई अपनी नाराजगी
मुंबई /दि.6- महाराष्ट्र के स्थानीय स्वायत्त निकायों में विगत करीब तीन वर्षों से चुनाव प्रलंबित रहने को लेकर अपनी नाराजगी जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र के निर्वाचन आयोग को आगामी चार सप्ताह के भीतर स्थानीय स्वायत्त संस्थाओं के चुनाव को लेकर नोटीफिकेशन जारी करने तथा आगामी चार माह के भीतर स्थानीय स्वायत्त निकायों के चुनाव कराने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही न्या. सूर्यकांत व न्या. एम. के. सिंह की दो सदस्यीय खंडपीठ ने उपरोक्त आदेश जारी करने के साथ ही यह भी कहा कि, निर्वाचन आयोग की वर्ष 2022 की रिपोर्ट से पहले महाराष्ट्र में अस्तित्व में रहनेवाले कानून के नुसार ओबीसी समाज को आरक्षण का लाभ देते हुए चुनाव करवाए जाए. जिसका सीधा मतलब है कि, अब महाराष्ट्र में आगामी चार माह के भीतर ओबीसी आरक्षण के साथ सभी स्थानीय स्वायत्त निकायों के चुनाव कराए जाएंगे और विगत तीन माह से प्रलंबित रहनेवाले स्थानीय स्वायत्त निकायों के चुनाव करवाए जाने का रास्ता अब खुल गया है.
राज्य निर्वाचन आयोग को अगले चार सप्ताह के भीतर स्थानीय स्वायत्त निकायों के चुनाव को लेकर अधिसूचना जारी करने और फिर चार माह के भीतर चुनाव की प्रक्रिया संपन्न कराने के संदर्भ में निर्देशित करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण का भी विशेष तौर पर उल्लेख किया और कहा कि, केवल कुछ विशिष्ट वर्गों को ही आरक्षण का लाभ क्यों मिले तथा सामाजिक, आर्थिक व राजनीतिक रुप से पिछडे अन्य लोगों को आरक्षण का लाभ क्यों न मिले, इस बात पर गंभीरतापूर्वक विचार किए जाने की जरुरत है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि, स्थानीय स्वायत्त निकायों के चुनाव को रोके रखने की कोई स्पष्ट वजह फिलहाल दिखाई नहीं देती.
इस मामले को लेकर याचिकाकर्ताओं की ओर से पैरवी करते हुए वरिष्ठ विधिज्ञ इंदिरा जयसिंह ने कहा कि, फिलहाल महाराष्ट्र के स्थानीय स्वायत्त निकायों में जनता द्वारा निर्वाचित जनप्रतिनिधि नहीं है, बल्कि उनके स्थान पर प्रशासक के रुप में अधिकारियों की नियुक्ति की गई है. साथ ही अदालत को यह भी बताया गया कि, निर्वाचन आयोग द्वारा वर्ष 2022 में बनाई गई रिपोर्ट में ओबीसी संवर्ग की सीटों को भी कम कर दिया गया है. इन दोनों बातों को लेकर अपनी नाराजगी जताते हुए अदालत ने ओबीसी आरक्षण को लेकर सन 2022 के पहले की स्थिति को कायम रखने का आदेश दिया. साथ ही निर्वाचन आयोग को निर्देशित किया कि, आगामी चार सप्ताह के भीतर सभी स्थानीय स्वायत्त निकायों के चुनाव की अधिसूचना जारी की जाए और इसके उपरांत चार माह के भीतर सभी स्थानीय स्वायत्त निकायों के चुनाव करवाए जाए. जिसके चलते अब राज्य सरकार एवं निर्वाचन आयोग को आगामी सितंबर माह तक राज्य की सभी महानगर पालिकाओं, जिला परिषदों, नगर पालिकाओं, नगर पंचायतों व पंचायत समितियों के आम चुनाव करवाने होंगे. जहां पर विगत तीन वर्षों से अधिक समय से चुनाव प्रलंबित है और प्रशासक राज चल रहा है. इसमें से कुछ स्थानीय निकायों में प्रशासक राज लागू हुए करीब पांच वर्ष का समय बीत चुका है. इस बात को संवैधानिक संकल्पना के खिलाफ बताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, संविधान में जनता द्वारा निर्वाचित व्यवस्था को सर्वोपरी माना गया है. अत: जल्द से जल्द सभी स्थानीय स्वायत्त निकायों में चुनाव करवाते हुए जनता द्वारा निर्वाचित व्यवस्था को कायम किया जाना चाहिए.
इसके साथ ही अदालत ने सभी पक्षों से यह भी जानना चाहा कि, क्या उनमें से कोई चुनाव करवाए जाने के खिलाफ है, तो सभी पक्षों ने बताया कि, उनमें से कोई भी चुनाव करवाए जाने के खिलाफ नहीं है, बल्कि वे चाहते है कि, चुनाव जल्द से जल्द हो एवं राज्य निर्वाचन आयोग के जरिए हो. क्योंकि राज्य सरकार ने निर्वाचन आयोग के अधिकारों को कम कर दिया है. जिसके बाद अदालत ने निर्वाचन आयोग को चार सप्ताह के भीतर चुनावी अधिसूचना जारी करने के साथ ही चार माह के भीतर चुनाव करवाए जाने का निर्देश दिया. साथ ही वर्ष 2022 से पहले अस्तित्व में रहनेवाले ओबीसी आरक्षण को कायम रखते हुए चुनाव कराए जाने की बात भी कही. * अमरावती जिले के इन स्वायत्त निकायों में होंगे चुनाव
महानगर पालिका – 1
अमरावती मनपा जिला परिषद – 1
अमरावती जिप नगर परिषद – 10
अचलपूर, चिखलदरा, अंजनगांव सुर्जी, दर्यापुर, वरुड, मोर्शी, शेंदूरजनाघाट, चांदुर बाजार, चांदुर रेलवे, धामणगांव रेल नगर पंचायत – 2
धारणी व नांदगांव खंडेश्वर
तिवसा व भातकुली की अन्य दो नगर पंचायतों में अभी लोकल बॉडी कायम है. पंचायत समिति – 14
अमरावती, अचलपूर, चिखलदरा, अंजनगांव सुर्जी, दर्यापुर, वरुड, मोर्शी, चांदुर बाजार, चांदुर रेलवे, धामणगांव रेलवे, धारणी, नांदगांव खंडेश्वर, तिवसा व भातकुली.