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अध्यक्ष व सभापति का कामकाज भेदभावपूर्ण

नेता प्रतिपक्ष अंबादास दानवे ने लगाया आरोप

* विपक्षी विधायकों ने राज्यपाल से की भेंट
मुंबई /दि.20- विधानसभा अध्यक्ष व विधान परिषद सभापति द्वारा जहां एक ओर सत्ताधारी दल का साथ देकर नियमबाह्य पद्धति से काम किया जाता है, वहीं विपक्षी सदस्यों के विचार रखने में जानबूझकर बाधा पैदा की जाती है. ऐसे में सभापति व अध्यक्ष के कामकाज को भेदभावपूर्ण कहा जा सकता है, इस आशय का गंभीर आरोप विधान परिषद के नेता प्रतिपक्ष अंबादास दानवे द्वारा लगाया गया. साथ ही इस विषय को लेकर विपक्षी विधायकों ने राजभवन में राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन से मुलाकात करते हुए उन्हें अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा.
इस समय नेता प्रतिपक्ष अंबादास दानवे ने कहा कि, संसदीय प्रणाली में विपक्ष भी एक महत्वपूर्ण घटक होता है और विपक्ष की भूमिका सरकार विरोधी नहीं होती, बल्कि सरकारी फैसलों व नीतियों पर अंकूश रखनेवाली होती है. परंतु मौजूदा सत्ता पक्ष अपनी नीतियों व फैसलों के खिलाफ कुछ भी नहीं सुनना चाहता, जिसके चलते सभापति व अध्यक्ष द्वारा विपक्षी विधायकों के साथ दुजाभाव किया जाता है और उन्हें सदन में अपने विचार तक नहीं रखने दिए जाते. ऐसे में सदन के कामकाज को नियमबाह्य कहा जा सकता है.
इस समय शिवसेना उबाठा के विधान मंडल गटनेता व विधायक आदित्य ठाकरे, कांग्रेस के विधान मंडल गटनेता विजय वडेट्टीवार, शरद पवार गुट वाली राकांपा के प्रदेशाध्यक्ष जयंत पाटिल सहित विधायक नाना पटोले, अनिल परब, भास्कर जाधव, भाई जगताप, शशीकांत शिंदे, जितेंद्र आव्हाड, सुनील राऊत, सचिन अहिर, आनंद बालानर, प्रवीण स्वामी, अभिजीत वंजारी, अजय चौधरी, सुनील शिंदे, मनोज जामसुतकर, सिद्धार्थ खरात, कैलाश पाटिल एवं वरुण सरदेसाई आदि उपस्थित थे.

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