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वर्ष 2023 रहा सबसे गर्म साल

विश्व मौसम संस्था ने जतायी चिंता

* समय रहते सतर्क हो जाने की अपील जारी
नई दिल्ली /दि.17- मौसम में होने वाले बदलाव के मद्देनजर पैरिस करार में तय की गई मर्यादा के अनुसार वार्षिक तापमान में 1.45 डिग्री सेल्सिअस तक वृद्धि होने के चलते वर्ष 2023 अब तक का सबसे गर्म साल साबित हुआ है. ऐसी जानकारी विश्व मौसम संस्था यानि डब्ल्यूएमओ द्वारा दी गई है.
वर्ष 2023 में जून से दिसंबर तक प्रतिमाह वैश्विक तापमान में नये उच्चांक को छूआ. इसमें भी जुलाई व अगस्त यह दो महिने साल भर के दौरान सबसे गर्म महिने साबित हुए. बीते साल वार्षिक औसत तापमान में 1.45 डिग्री सेल्सिअस की वृद्धि हुई.

* क्या है पैरिस करार?
पूर्व औद्योगिक काल यानि 1850 से 1900 के दौरान रहने वाले औसतम तापमान के स्तर को ग्राह्य मानते हुए वैश्विक तापमान वृद्धि 2 डिग्री से कम तथा 1.50 डिग्री तक मर्यादित रखने की बात पैरिस करार में तय की गई थी. साथ ही यह अंदेशा भी बताया गया था कि, यदि 1.5 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान वृद्धि होती है, तो इसका प्रकृति सहित मानवजाती पर भी भीषण परिणाम हो सकता है.

* वैश्विक तापमान को गिरने हेतु डब्ल्यूएमओ ने 6 अलग-अलग परिमानो का आधार लिया. जिसमें प्रमुख तौर पर अमरीका, इंग्लैंड, यूरोप व जापान इन देशों की रिपोर्ट के साथ-साथ नासा की जानकारी का भी आधार लिया गया.

* मौसम में होने वाला बदलाव यह इस समय दुनिया के सामने रहने वाला सबसे बडा संकट है. तापमान वृद्धि को नियंत्रित रखने हेतु अक्षय उर्जा स्त्रोतों पर जोर दिये जाने की जरुरत है.
– सेलेस्टे सोलो,
डब्ल्यूएमओ

* एक बडा संकट हम सभी के सामने खडा है. जिसे ध्यान में रखते हुए समय रहते आवश्यक उपाय नहीं किये जाने पर काफी बडा नुकसान हो सकता है. अत: समय रहते सतर्क हो जाने की सख्त जरुरत है.
– एन्टोनियो गुटारेस,
महासचिव, संयुक्त राष्ट्र संघ

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