अन्य शहरमहाराष्ट्रमुख्य समाचार

बारिश से पहले मनपा चुनाव की संभावना कम

सुप्रीम कोर्ट में आज भी टली सुनवाई

** अगले हफ्ते होली की छुट्टियां
* तैयारियों में लगेगा तीन माह का समय
मुंबई/ दि. 4 – स्थानीय निकाय संबंधी प्रकरणों की सुनवाई सर्वोच्च न्यायालय में आज कुछ ही मिनटों में निपट गई. दोनों पक्षों ने अपनी बात स्पष्ट रूप से नहीं रखी. जिसके कारण कोर्ट ने रोष व्यक्त किया. सुनवाई पुन: एक बार टल गई है. आज समाचार लिखे जाने तक इन याचिकाओं की सुनवाई कब होगी, यह स्पष्ट नहीं हुआ था. जिससे निकाय चुनाव अर्थात महापालिका, पालिका, जिला परिषद चुनाव के बारिश से पहले होने की संभावना क्षीण हो गई है.
* राज्य ने मांगे दो दिन
मंगलवार को हुई सुनवाई के आरंभ में ही सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने राज्य सरकार की तरफ से दो दिनों का वक्त मांगा. जिसका याचिका कर्ताओं के वकीलों ने विरोध किया. कोर्ट ने दोनों पक्षों से प्रकरण संबंधी विचारणा की. न्यायालय द्बारा किए गये प्रश्नों का दोनों ही पक्ष संतोषजनक उत्तर नहीं दे सकें.
* दोनों पक्ष चुनाव पर राजी
दोनों पक्षों ने इतना जरूर कहा कि हमें चुनाव चाहिए. दोनों की भ्ाूमिका में कुछ हडबडी दिखाई दे रही थी. जिससे अदालत खफा हो गई. उन्होंने इस बारे में सभी दस्तावेज तलब किए. यह प्रकरण अब अगली सुनवाई में सुना जायेगा. जिससे मामला प्रलंबित हो गया. कानून के जानकारों ने दावा किया कि अगले सप्ताह कोर्ट को होली की सप्ताहभर की छुट्टियां है. उसके बाद ही सुनवाई की तारीख मिलेगी.
* 57 याचिकाएं
प्रदेश की पालिका और महापालिका में ओबीसी आरक्षण व्यवस्था के अलावा प्रभाग रचना पर आपत्तियां दर्ज करानेवाली 57 याचिकाएं सर्वोच्च न्यायालय में दायर है. जिन पर दो वर्षो से तारीख पर तारीख का मामला चल रहा है. फलस्वरूप अनेक भागोें में तीन- चार वर्षो से निकाय चुनाव नहीं हुए हैं. जबकि इच्छुक चातक पक्षी की तरह चुनाव का इंतजार कर रहे हैं.
23 मनपा में प्रशासक राज
प्रदेश में अमरावती, अकोला, नागपुर सहित सभी बडे शहरों की महापालिका में तीन वर्षो से प्रशासक राज चल रहा है. प्रभाग रचना और जनसंख्या में 10 प्रतिशत बढोतरी को ध्यान में रखकर सदस्य संख्या निश्चित की गई है. ओबीसी आरक्षण के लिए भी अलग- अलग अर्जियां सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई है.
* गर्मियों में असंभव ?
सर्वोच्च न्यायालय में दायर याचिकाओं पर इस माह निर्णय भी आ गया तो भी निकाय चुनाव की तैयारी में तीन माह का समय लगेगा. उसके लिए नये सिरे से प्रभाग रचना, वोटर लिस्ट, आरक्षण व्यवस्था तय करना आदि प्रक्रिया के लिए चुनाव विभाग को निर्धारित समयावधि देना पडेगा. तब तक बारिश का सीजन शुरू हो जायेगा. जिससे अधिकांश लोग मान रहे हैं कि गर्मियों में इलेक्शन होने की उम्मीद कम है.

Back to top button