हार के पीछे का एक ही कारण यानि मराठा
आरक्षण मिलने तक ओबीसी की सभी सुविधा मराठा समाज को दी
* मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने किया बडा वक्तव्य
मुंबई/दि. 15- लोकसभा चुनाव के बाद अब विधानसभा चुनाव की तैयारी में सभी राजनीतिक दल लग गए है. लोकसभा चुनाव के नतीजे का असर विधानसभा चुनाव पर भी होने की संभावना को ध्यान में रखते हुए उसी के मुताबिक सभी राजनीतिक दल काम में लगे दिखाई देते है. विशेष यानि महागठबंधन की सीटे काफी कम होने से इस हार का कारण और आगामी नीति के संदर्भ में गठबंधन के मित्र दलो में काफी मंथन जारी है. इसी के एक भाग के रुप में देवेंद्र फडणवीस उपमुख्यमंत्री पद छोडने की तैयारी दशाई रहते अब चंद्रकांत पाटिल ने इस संदर्भ में महत्वपूर्ण वक्तव्य किया है.
* मराठा समाज में भाजपा के प्रति असंतोष
मराठा समाज में भाजपा के प्रति असंतोष रहने की बात चंद्रकांत पाटिल ने शुक्रवार को मुंबई में पत्रकारों से बातचीत करते हुए मान्य की. भाजपा ने मराठा समाज को समय-समय पर आरक्षण और सुविधा दी. लेकिन फिर भी मराठा समाज में भाजपा के प्रति असंतोष है, ऐसा हमारी चर्चा में सामने आया है. यह असंतोष क्यों है? इस पर हमारी विस्तृत चर्चा हुई. अंतिम मराठा तक हमारे द्वारा दी गई सुविधा बाबत जानकारी पहुंचाने में, योजनाओं की सहायता पहुंचाने में हम कम पडे है. यह जानकारी मराठा समाज तक पहुंचानी चाहिए, ऐसा चंद्रकांत पाटिल ने कहा. अण्णासाहेब पाटिल ने मराठा समाज के आरक्षण के मांग के लिए 1982 में आत्महत्या की. लेकिन 1982 से 1995 तक अण्णासाहेब पाटिल के नाम से महामंडल करने का भी विचार उस समय की राज्य सरकार ने नहीं किया. पहला अण्णासाहेब पाटिल महामंडल 1995 में आया. उसके बाद हमारी सरकार गई. बादमें करीब 15 साल में 50 करोड से अधिक इस महामंडल के लिए प्रावधान नहीं किया गया. 2014 के बाद यह प्रावधान एक हजार करोड तक गया, ऐसा चंद्रकांत पाटिल ने कहा.
* फिर भी मराठा समाज का हमारे पर रोष है?
भाजपा द्वारा इतनी सभी सुविधा करने के बाद भी मराठा समाज का भाजपा पर रोष क्यों है? ऐसा प्रश्न चंद्रकांत पाटिल ने इस अवसर पर उपस्थित किया. पहली बार देवेंद्र फडणवीस ने आरक्षण और सुविधा की बात अलग की. आरक्षण मिलने तक ओबीसी की सभी सुविधा मराठा समाज को दी. यह इतिहास में पहली बार हुआ. यह देवेंद्र फडणवीस ने किया. 2017 में मराठा समाज को आरक्षण दिया. उसे उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय में टिकाए रखा. लेकिन उद्धव ठाकरे के कार्यकाल में वह आरक्षण गया. पश्चात एकनाथ शिंदे के कार्यकाल में फिर से वह सुविधा लाई गई. फिर भी मराठा समाज का रोष है? इसके लिए हमने मंथन किया. इस चर्चा में और कुछ सुविधा करने के मुद्दे आए, ऐसा भी उन्होंने कहा.