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लोकसभा चुनाव में 24 सीटों के नुकसान से महायुति में बेचैनी

कुछ माह बाद विधानसभा, क्या वापस आएंगे शिवसेना और राकांपा के विधायक !

मुंबई./दि.11- लोकसभा चुनाव में हुए भारी नुकसान के बाद महायुति के घटक दलों विशेषकर शिवसेना शिंदे गट एवं राकांपा अजित पवार गट ने बेचैनी देखी जा रही है. नाना प्रकार की अटकले शुरू हो गयी है. जिसमें तीन माह बाद होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव तक शिवसेना और राकांपा से अलग हुए 20 विधायकों के घर वापसी कयास लगाया जा रहा है. हालांकि प्रमुख दलों के नेता दावा कर रहे है कि उनका कोई साथी छोड कर नहीं जा रहा. फिर भी दलों में कशमकश साफ देखी जा रही है. लोकसभा चुनाव में महायुती को 24 स्थानों पर झटका लगा. भाजपा 22 से खिसककर 9 पर आ गई. राकांपा अजित गुट केवल 1 सीट जीत सका. शिवसेना शिंदे गट 13 सांसदों से घटकर 7 पर सिमट गया.
अजीत गुट में असंतोष
मोदी कैबिनेट में स्थान न मिलने से राकांपा अजीत गुट में असंतोष है. राकांपा के मंत्री छगन भूजबल और शिंदे गुट के मंत्री अब्दुल सत्तार घर वापसी के संकेत दे चुके है. विधानसभा चुनाव अक्टुबर में होने वाला है. पिछली बार भाजपा 105 स्थानों के साथ सबसे बडा दल बना था. किंतु सरकार न बना सकी. शिवसेना ने राकांपा और कांग्रेस के साथ मिलकर महाविकास आघाडी की सरकार बनायी. उसे ढाई साल तक चला कर भी बता दिया. शिवसेना में फूट के कारण सरकार गिरी. शिंदे गट 42 सदस्य लेकर अलग हो गया. शिंदे गट ने भाजपा के साथ मिलकर महायुति सरकार बनाई. जिसमें एक वर्ष बाद राकांपा से अलग हुए अजीत पवार गुट ने एंट्री ली.
150 सीटों पर आघाडी आगे
हाल के लोकसभा चुनाव की बात करें तो 150 विधानसभा क्षेत्र में महाविकास आघाडी के उम्मीदवार आगे रहे. पार्टी तोडने से शरद पवार और उध्दव ठाकरे को लोगों से सहनुभूती मिली. उनके साथ आने का कांग्रेस को बडा फायदा मिला. अजीत गुट के कुछ विधायक फिर शरद पवार गुट में जाने को तैयार होने का दावा है. शरद गुट के विधायक रोहित पवार ने दावा किया की अजीत गुट के 18-19 विधायक संपर्क में है. उन्हें 15 दिनों में निर्णय लेना होगा.
कोई नहीं जा रहा
इधर अजीत पवार गुट के प्रदेशाध्यक्ष सुनील तटकरे ने दावा किया कि सभी विधायक अजीत पवार के साथ है. कोई कही नहीं जा रहा. हम विधानसभा में अच्छे नतीजे लाएंगे.
कैसे होगा सीटों का तालमेल?
महायुति में सीटों का बंटवारा किस फार्मूले से होगा. यह प्रश्न पुछा जा रहा है. अपना मुख्यमंत्री बनाने के लिए भाजपा 170-180 सीटें विधानसभा की लडेगी. वहीं शिंदे और अजीत पवार गुट भी 100-100 सीटें चाहेगा.

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