बिजली के करंट से होने वाली जनहानि को लेकर हो स्पष्ट नियमावली
हाईकोर्ट में दायर की गई याचिका
नागपुर /दि.24- बिजली का करंट लगने की वजह से होने वाले हादसों में घायल होने वाले अथवा जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को नुकसान भरपाई देने के संदर्भ में स्पष्ट नियमावली तैयार करने हेतु मुंबई उच्च न्यायालय के नागपुर खंडपीठ में एक याचिका दायर की गई है. जिसके बाद नियमावली तैयार करने के संदर्भ में आदेश देने हेतु न्यायालय के पास रहने वाले अधिकारों की जानकारी पेश करने का निर्देश अदालत ने याचिकाकर्ता को दिया है.
सामाजिक कार्यकर्ता प्रीति कोहट द्वारा हाईकोर्ट में दायर की गई इस याचिका पर न्या. नितिन सांभरे व न्या. अभय मंत्री की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई हुई. याचिकाकर्ता द्वारा बताया गया हे कि, बेसा स्थित ग्रीन सोसायटी की तीसरी मंजिल पर उनका फ्लैट है. जिसकी बालकनी के बेहद पास से बिजली के तार गुजरते है. 6 अक्तूबर 2023 को जब प्रीति कोहट अपनी बालकनी में थी, तब उन्हें 11 किलो वैट की विद्युत वाहिनी का झटका लगा. जिसमें वे गंभीर रुप से घायल हुई और उन्हें दो माह तक अस्पताल में भर्ती रहना पडा. इस घटना के लिए महावितरण कंपनी सहित संबंधित बिल्डर पूरी तरह से जिम्मेदार है. इस घटना के चलते प्रीति कोहट को शारीरिक व मानसिक तकलीफ सहन करनी पडी. साथ ही उनका बाया हाथ 70 फीसद निष्क्रिय हो गया. अत: उन्हें नुकसान भरपाई दी जाये. इस मामले में विद्युत आपूर्ति अधिकारी ने जांच करते हुए विद्युत वितरण कंपनी के दोषी रहने की बात कही और 2 लाख रुपए की नुकसान भरपाई मिलने हेतु प्रीति कोहट को पात्र बताया. लेकिन अब तक महावितरण द्वारा प्रीति कोहट को यह रकम अदा नहीं की गई. ऐसे में प्रीति कोहट ने कुल 22 लाख रुपए की नुकसान भरपाई मिलने की मांग करते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की. साथ ही विद्युत अधिनियम 2003 में संशोधन करते हुए बिजली की वजह से घटित होने वाले हादसों में नुकसान भरपाई को लेकर स्पष्ट नियमावली दायर करने का आदेश देने का निवेदन भी अदालत से किया.