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हाईकोर्ट के दो न्यायमूर्तियों को दी धमकी

अपने खिलाफ फैसला आने से अमरावती के व्यक्ति का कृत्य

* सीपी के नाम जारी हुआ जांच का आदेश
नागपुर /दि.14- न्यायालयीन मामले में अपने खिलाफ फैसला आने के चलते अमरावती के एक व्यक्ति ने उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ के दो न्यायमूर्तियों को धमकी भरा खत भेजा है. यह सनसनीखेज जानकारी सामने आते ही हाईकोर्ट ने इसे बेहद गंभीरता से लेते हुए अमरावती के पुलिस आयुक्त को जांच के आदेश दिए है. साथ ही उच्च न्यायालय की सुरक्षा व्यवस्था में भी वृद्धि कर दी गई है.
उल्लेखनीय है कि, यदि किसी व्यक्ति पर किसी तरह का कोई अन्याय होता है, या उसके अधिकारों का हनन होता है, तो ऐसे समय संबंधित व्यक्ति द्बारा अदालत का दरवाजा खटखटाया जाता है और अदालत द्बारा उसके पक्ष को सुनते हुए कानून की कसौटियों के आधार पर अपना फैसला सुनाया जाता है. जिसे अमूमन दोनों पक्षों द्बारा स्वीकार किया जाता है. वहीं यदि किसी पक्ष को उक्त फैसला स्वीकार नहीं होता, तो ऐसे मामले में लोग अपील में जाकर अदालत के फैसले को चुनौती देते है. लेकिन अपने खिलाफ फैसला देने वाले न्यायमूर्ति को लेकर कभी कोई टीका-टिप्पणी नहीं होती. परंतु इस बार नागपुर हाईकोर्ट ने एक अलग ही मामला घटित हुआ. जब एक मामले में अपने खिलाफ फैसला आने से चिढकर अमरावती निवासी एक व्यक्ति ने हाईकोर्ट के दो न्यायमूर्तियों के नाम पर विगत 7 अक्तूबर को धमकी भरा पत्र भेजा.
नागपुर खंडपीठ के प्रशासकीय व्यवस्थापक रवींद्र सादरानी ने धमकी भरा पत्र मिलने संबंधित जानकारी की पृष्टि करते हुए बताया कि, अमरावती जिले के वरिष्ठ तहसील क्षेत्र से वास्ता रखने वाले एक राजनीतिक व्यक्ति के लेटर हेड पर यह धमकी भरा पत्र प्राप्त हुआ है. जिसकी जानकारी हाईकोर्ट द्बारा पुलिस को दे दी गई है और पुलिस ने मामले की गंभीरता को समझते हुए जांच शुरु कर दी है.

* ‘उस’ राजनीतिक व्यक्ति ने किया इंकार
वहीं जिस राजनीतिक व्यक्ति के नाम से उक्त पत्र भेजा गया है, उससे जब पुलिस ने पूछताछ की, तो उस व्यक्ति ने ऐसा कोई भी पत्र भेजने की बात से साफ इंकार किया. साथ ही यह भी कहा कि, संभवत: राजनीतिक प्रतिस्पर्धा के चलते उसके किसी विरोधी द्बारा यह कृत्य किया गया होगा. वहीं यह पत्र अमरावती से आया रहने के चलते अमरावती पुलिस ने इस मामले में सघन जांच करनी शुरु कर दी है.
* हाईकोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था बढी
दो न्यायमूर्तियों को धमकी भरा पत्र प्राप्त होते ही उच्च न्यायालय के सुरक्षा यंत्रणा को और अधिक सतर्क कर दिए जाने की जानकारी पुलिस निरीक्षक कविता इसारकर द्बारा दी गई. साथ ही उन्होंने बताया कि, अब हाईकोर्ट परिसर में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति से कडी पूछताछ की जा रही है तथा पहचान पत्र दिखाए बिना किसी को भी हाईकोर्ट परिसर में प्रवेश नहीं दिया जा रहा. इसके साथ ही हाईकोर्ट परिसर में प्रवेश करने वाले प्रत्येक व्यक्ति की मेटल डिटेक्टर के जरिए जांच की जाती है. इसके अलावा पक्षकार, याचिकाकर्ता व कर्मचारियों के पास रहने वाले बैग व अन्य साहित्य की भी कडाई से जांच की जाती है.

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