भाजपा में शामिल अशोक चव्हाण को श्रध्दांजलि
वर्धा कांग्रेस कार्यालय में यह क्या कर डाला !
* तरह-तरह की चर्चा
* आम तौर पर सभी कर रहे निंदा
*ख्ाुद कांग्रेस नेता अग्रवाल बोले- दुर्भाग्यपूर्ण
वर्धा/ दि. 1- कांग्रेस छोडकर भाजपा में जा रहे वरिष्ठ नेताओं पर पार्टी के पदाधिकारी अलग- अलग ढंग से रोष व्यक्त कर रहे हैं. कांगे्रस छोडकर अशोक चव्हाण पिछले दिनों भाजपा में चले गये. उन्हें तुरंत राज्यसभा की सदस्यता भी मिल गई. ऐसे में कांग्रेसी उन पर लाल-पीले हो रहे हैं. मगर यहां के कांग्रेस पदाधिकारियों ने अलग ही ढंग से निषेध किया. जिसकी सर्वत्र चर्चा हो रही है.
* पार्टी ही लडें लोकसभा
हुआ यूं कि वर्धा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से पार्टी ही चुनाव लडें, अन्य सहयोगी दलों के लिए यह सीट छोडी न जाएं, इसका प्रस्ताव पारित करने कांग्रेस की बैठक आयोजित की गई थी. जिलाध्यक्ष मनोज चांदुरकर, वरिष्ठ नेता डॉ. शिरीष गोडे, शहराध्यक्ष सुरेश ठाकरे, नीतेश कराले, सपना शेंडे, धर्मपाल ताकसांडे, अर्चना भोंमले, अशोक सेलूकर व अन्य उपस्थित थे. इस समय कांग्रेस छोडकर गये चव्हाण का निषेध करते हुए श्रध्दांजलि अर्पित कर दी गई. सभी ने बाकायदा खडे होकर शोक व्यक्त कर श्रध्दांजलि दी.
* मेरी सहमति न थी
जिलाध्यक्ष मनोज चांदुरकर ने कहा कि चव्हाण ही नहीं जो-जो कांग्रेस छोडकर गये उनके प्रति कुछ पदाधिकारियों ने तीव्र नाराजी व्यक्त की. मेरी इसमें सहमति न थी. श्रध्दांजलि दी गई. किंतु इसका प्रस्ताव पारित नहीं हुआ. वहीं लोकसभा चुनाव के इच्छुक कांग्रेस नेता शैलेश अग्रवाल ने कहा कि यह कांग्रेस की संस्कृति नहीं है. जो हुआ दुर्भाग्यपूर्ण है. ऐसा होना अनुचित कहा जा सकता है.
* हर्षवर्धन के संपर्क बढे
वर्धा निर्वाचन क्षेत्र मविआ में कांग्रेस ने राकांपा शरद पवार गट के लिए छोडा है. यहां से शरद पवार के सहयोगी हर्षवर्धन देशमुख को काम से लगने कहा गया. हर्षवर्धन देशमुख ने वर्धा क्षेत्र में दौरे और संपर्क बढा दिया है. जिससे कांग्रेस पदाधिकारी अस्वस्थ हो गये हैं. उनके मन में यह भावना घर कर गई कि पार्टी राम भरोसे छोड दी गई है. पार्टी में अनेक इच्छुक रहने पर भी सीट छोडने पर पीछे सवाल उठाए जा रहे हैं. इसी भावनाएं तीव्र होकर उसका प्रकटन उपरोक्त स्वरूप में हो गया.