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धारणी उपजिला अस्पताल में महिला की मौत से हंगामा

पति ने लगाया डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप

* उपजिला अस्पताल के बाहर 1 घंटे तक पडी रही लाश
* नहीं मिली एम्बुलेंस, विधायक राजकुमार पटेल ने दी सहायता
धारणी/ दि.14– एक माह पूर्व प्रसूति हुई महिला के सिर में दर्द होने के कारण धारणी के उपजिला अस्पताल ले जाया गया. डॉक्टरों ने परिजनों को अस्पताल से बाहर भेजने के बाद महिला को एक इंजेक्शन और एक सलाईन चढाई. कुछ देर बाद महिला की मौत हो गई. जिससे महिला के पति व रिश्तेदारों ने डॉक्टरों की लापरवाही की वजह से महिला की मौत होने का आरोप लगाया. अस्पताल में 6 से 7 एम्बुलेंस उपलब्ध होने के बाद भी एम्बुलेंस नहीं दी गई. अस्पताल में कुछ देर के लिए तनाव की स्थिति निर्माण हुई थी. आखिर विधायक राजकुमार पटेल ने एम्बुलेंस भिजवाकर लाश महिला के गांव धारणमोह पहुंचाई.
बबीता रोशन जांभेकर (20, धारणमोह) यह इलाज के दौरान मरने वाली महिला का नाम है. जानकारी के अनुसार धारणी से आठ किलोमीटर दूर धारणमोह निवासी बबीता जांभेकर की एक वर्ष पहले शादी हुई. 5 मई को धारणमोह के पीएचसी सेंटर में प्रसूति हुई थी. उसने एक बालक को जन्म दिया. परंतु उस बालक के सिर में गांठ थी. तब उसे अमरावती रेफर किया गया. वहां से ठिक होने के बाद वे वापस गांव लौट गए थे, परंतु आज बबीता के सिर में दर्द होने लगा. उसे इलाज के लिए धारणी जिला अस्पताल ले जाया गया. डॉक्टरों ने महिला को एक इंंजेक्शन और एक सलाईन दी. परंतु इस समय रिश्तेदारों को वार्ड से बाहर निकाल दिया था. कुछ देर बाद डॉक्टर ने परिजनों को बताया कि, बबीता की मौत हो गई. अभी भलीभांति केवल सिरदर्द के लिए अस्पताल लाया था और अचानक उसकी मौत हो गई. बबीता की मौत डॉक्टरों के लापरवाही के कारण हुई है, ऐसा आरोप बबीता के पति रोशन जांभेकर ने लगाया. वैसे कुछ देर के लिए अस्पताल में माहोैल गरमा गया था. डॉक्टरों ने बबीता के लाश का पोस्टमार्टम करने की बजाय परिजनों को वैसे ही लाश ले जाने का कहकर लाश स्ट्रेचर पर बाहर निकाल दिया. परंतु मांग करने पर भी अस्पताल ने उन्हें एम्बुलेंस नहीं दी. जबकि 6 से 7 एम्बुलेंस वही पडी थी. आखिर इस बात की खबर लगते ही विधायक राजकुमार पटेल ने उनकी एम्बुलेंस उपलब्ध करवाई. तब जाकर लाश उनके गांव धारणमोह ले जायी गई.
 
सरकारी नौकरी करने वाले डॉक्टरों के निजी अस्पताल
सरकारी अस्पताल में नौकरी करने वाले डॉक्टरों ने रुपयों की लालच में अपने निजी अस्पताल खोल रखे हेै. वे निजी अस्पताल में ही व्यस्त रहते है. सरकारी अस्पताल में ड्युटी के वक्त भी वे सरकारी अस्पताल में उपलब्ध नहीं होते, इसी वजह से धारणी क्षेत्र में मां और बालमृत्यु की संख्या काफी तेजी से बढ रही है. इन डॉक्टरों के निजी अस्पताल बंद कराये जाए, ऐसे जिंदगी के साथ खिलवाड करने वाले डॉक्टर के खिलाफ कडी कार्रवाई करे, ऐसी मांग धारणीवासियों ने की है.

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