वैष्णवी व शशांक का विवाह भी था एक षडयंत्र

ननद करिश्मा थी षडयंत्र की मुख्य सूत्रधार

* वैष्णवी के पिता से रकम ऐंठने बिछाया गया था जाल
* पुलिस की जांच में सामने आई अब नई जानकारी
पुणे/दि.28 – इस समय राज्य में बहुचर्चित रहनेवाले वैष्णवी हगवणे आत्महत्या मामले में एक नई जानकारी सामने आई है. जिसकी वजह से हगवणे परिवार की दिक्कते और भी बढ सकती है. पता चला है कि, वैष्णवी और शशांक हगवणे का प्रेमविवाह भी एक षडयंत्र था. जिसे वैष्णवी के परिजनों से रकम ऐंठने के लिए रचा गया था और इस षडयंत्र के पीछे वैष्णवी की ननद करिश्मा हगवणे मुख्य सूत्रधार थी. जिसने वैष्णवी के पिता की आर्थिक परिस्थिति को देखते हुए अपने भाई शशांक को वैष्णवी के साथ प्रेमसंबंध रखने हेतु कहा और फिर करिश्मा ने ही वैष्णवी को हगवणे परिवार की बहू बनाने हेतु शशांक को वैष्णवी के साथ विवाह करने हेतु प्रवृत्त किया. इस पूरे मामले में करिश्मा ने नीलेश चव्हाण को मोहरे के तौर पर प्रयोग में लाया. ऐसे में अब नीलेश चव्हाण को भी इस मामले में सहआरोपी बताया गया.
पुलिस सूत्रों के मुताबिक वैष्णवी के पिता की आर्थिक स्थिति जबरदस्त रहने की बात ध्यान में आते ही करिश्मा ने इस बात का भी पता लगाया कि, वैष्णवी के विवाह में उसके परिवार की ओर से जबरदस्त दहेज दिया जा सकता है. जिसके चलते करिश्मा ने अपने भाई शशांक को वैष्णवी से परिचित कराने के साथ ही उनका प्रेमसंबंध स्थापित होने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और फिर शशांक को वैष्णवी से विवाह करने हेतु कहा. विवाह के समय वैष्णवी के पिता ने 51 तोले सोना व फॉर्च्यूनर कार उपहार के तौर पर दी थी. साथ ही अधिक मास के दौरान उन्होंने शशांक को सोने की अंगूठी और डेढ लाख का मोबाइल भी दिया था. परंतु वैष्णवी एवं शशांक का विवाह होने के बाद करिश्मा ने मायके से और भी अधिक रकम लाने हेतु वैष्णवी को प्रताडित करना शुरु किया और वैष्णवी के मायकेवालों को धमकाने हेतु नीलेश चव्हाण का प्रयोग किया. पता चला है कि, हगवणे परिवार द्वारा वैष्णवी के साथ की जानेवाली प्रताडना में वैष्णवी ननद करिश्मा ही सबसे आगे थी और फिर जब लगातार होती प्रताडना से तंग आकर वैष्णवी ने अपनी जान दे दी, तो करिश्मा ने ही वैष्णवी का बच्चा नीलेश चव्हाण के पास सौंपा था. जिसने बच्चा वापिस लेने हेतु पहुंचे वैष्णवी के परिजनों को पिस्तौल का धाक दिखाया था. ऐसे में अब पुलिस ने नीलेश चव्हाण को भी सहआरोपी बनाते हुए गिरफ्तार किया है.
* हगवणे पिता-पुत्र को आसरा व वाहन देनेवाले पांच धनाढ्यों को मिली जमानत
– पूर्व उर्जा मंत्री के बेटे का भी है धनाढ्यों में समावेश
वहीं वैष्णवी हगवणे आत्महत्या मामले में संदेहित आरोपी रहनेवाले उसके ससुर राजेंद्र हगवणे और पति शशांक हगवणे मामला उजागर होते ही कुछ दिनों तक फरार थे. इस दौरान उन्हें मदद करनेवाले पांच लोगों को पुलिस ने अपने कब्जे में लेकर आज अदालत के सामने पेश किया. जिन्हें अदालत ने जमानत देना मंजूर किया. इन लोगों में पूर्व उर्जा मंत्री वीरकुमार पाटिल (कर्नाटक) के बेटे प्रीतम पाटिल, मावल के फॉर्म हाऊस मालिक बंडू पाटक, सातारा के राहुल जाधव व अमोल जाधव तथा तलेगांव के मोहन भेगडे का समावेश है. इस पांचों आरोपियों को इससे पहले न्यायिक हिरासत में रखने का आदेश जारी किया गया था. जिन्हें अब 25 हजार रुपए के निजी मुचलके पर जमानत दी गई है.
पता चला है कि, इन सभी लोगों का राजेंद्र हगवणे के साथ पहले से काफी घनिष्ट संबंध है. जिन्हें वैष्णवी की आत्महत्या के बाद भागने व छुपने के लिए इन पांचों लोगों ने मदद की थी और रहने हेतु जगह उपलब्ध कराने के साथ ही वाहन व मोबाइल भी उपलब्ध कराए थे.
* हगवणे परिवार का पीसीआर आज हुआ खत्म
इस बीच वैष्णवी हगवणे आत्महत्या कांड में धरे गए हगवणे परिजनों की पुलिस कस्टडी की अवधि आज खत्म हो रही है. जिसके चलते वैष्णवी के पति, सास-सुसर, ननद व देवर को दोपहर बाद एक बार फिर अदालत में पेश करने की तैयारी पुलिस द्वारा की गई थी. ऐसे में अब सभी की निगाहें इस बात की ओर लगी हुई है कि, इन पांचों आरोपियों की पुलिस कस्टडी रिमांड को बढाया जाता है या फिर उन्हें न्यायिक हिरासत के तहत जेल भेजा जाता है.

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