* न.पा. प्रशासन की लापरवाही या नेताओं की चालबाजी
चांदूर बाजार/दि.23– राज्य के कई मनपा, नपा, नगर पंचायत के चुनाव काफी लंबे समय से प्रलंबित है. जिसके चलते कई जगहों पर प्रशासकीय कार्यकाल बना हुआ है. चुनाव देरी से होने का मुख्य कारण ओबीसी आरक्षण का मामला बना हुआ था, लेकिन महाराष्ट्र सरकार व चुनाव आयोग की लंबी कसरत के बाद आखिर चुनाव को बगैर ओबीसी आरक्षण के लेने का निर्णय लिया गया. विगत 10 मार्च को चांदूर बाजार नगर पालिका चुनाव हेतु प्रभाग रचना प्रसिद्ध की गई. जिसके बाद इच्छुक प्रत्याशी हकरत में आ गए हैं. इसके बाद विगत 21 जून को चुनाव आयोग के आदेश पर मुख्याधिकारी द्वारा प्रारुप मतदाता सूची प्रसिद्ध की गई.
बता दें कि शहर में कुल 10 प्रभाग है, जिसमें 20 सदस्य पद के लिए चुनाव होना है. सदस्यों से ही नगराध्यक्ष चुना जाना है. इसलिए 20 सदस्यों के लिए शहर में प्रारुप सूची के अनुसार 8745 पुरुष व 8639 महिलाएं ऐसे कुल 17384 मतदाता मतदान करेंगे. लेकिन प्रारुप सूची के प्रसिद्ध होते ही इच्छुक उम्मीदवारों में कही खुशी कही गम का माहौल देखने को मिला है. किसी और प्रभाग के रहवासी का नाम किसी और प्रभाग में देखने को मिल रहा है. प्रभाग क्र. 6 में 310 से 340 मतदाता है जिनके नाम किसी और ही प्रभाग में दिखाई दे रहे हैं. इसी तरह के कई मामले अन्य प्रभागों की सूची में देखने मिल रहे हैं. जिसके कारण मतदाताओं में नाराजी दिखाई दे रही है.
यहां उल्लेखनीय है कि मतदान सूची के समय नाम डालने की प्रक्रिया के दौरान इच्छुक उम्मीदवार और लोकल नेता काफी व्यस्त दिखाई दे रहे थे. तहसील कार्यालय व नागरिकों के घरों के चक्कर लगाए जा रहे हैं. अब यह सूची प्रसिद्ध होने के बाद यह बात समझ से परे है कि आखिर सूची में इतना बड़े पैमाने पर नपा प्रशासन द्वारा अनदेखी की जा रही है.