अन्य शहर

साढे तीन हजार हेक्टेयर क्षेत्र में जलजमाव

200 मकानों में भी पानी घुसने पर सर्वे के आदेश

धामणगांव रेल्वे/दि.11– शनिवार को तहसील के मंगरूल दस्तगीर, भातकुली रेनापुर परिसर में हुई अतिवृष्टि के कारण तहसील के आठ गांव के साढे तीन हजार हेक्टेयर क्षेत्र में जलजमाव हो गया है. साथ ही 200 मकानों में पानी घुस गया है. विधायक प्रताप अडसड ने इन सभी गांवों का दौरा कर जायजा किया और समृध्दि महामार्ग के निर्माण कार्य के समय बरती गई लापरवाही के कारण किसानों के खेतोें में पानी घुसने से इस लापरवाह कार्यप्रणाली की जांच करने के निर्देश प्रशासन को दिए. तहसील के निंबोली गांव में मूसलाधार बारिश के कारण किसानों के खेतों में पानी घुस गया. साथ ही गांवों के नाले का जलप्रवाह तेज रहने से अनेक मकानों में पानी घुस गया. मकानों में पानी घुसने से घर के अनाज का काफी नुकसान हो गया.
झाडा से आष्टा मार्ग के पुल से पानी बहता रहने के कारण यह मार्ग 24 घंटे बंद था. साथ ही गिरोली मार्ग से सटकर स्थित 100 हेक्टेयर खेती में जलजमाव हो गया. विटाला ग्रााम के नाले में आई बाढ के कारण ग्रामवासियों के घर में घुटनों तक पानी घुस गया. यही अवस्था बोरगांव धांदे, रायपुर, कासरखेड, भातकुली, बोरवघड, उसलगव्हाण की थी. किसानोें द्वारा की थी. किसानों द्वारा मानसून की पहली बारिश में बुआई करने के बाद अनेक किसानोें के बीज नहीं निकले. पिछले सप्ताह में मंगरूल इलाके में जोरदार बारिश होने से बीज नष्ट हो गए तथा शनिवार को हुई अतिवृष्टि के कारण अनेक मकानों को नुकसान पहुंचा. साथ ही खेतों में जलजमाव होने से विधायक प्रताप अडसड ने इस सभी गांवों का जायजा लेकर पटवारी, ग्रामसेवक, कृषि सहायक को संयुक्त रूप से सर्वेक्षण कर दो दिन के भीतर रिपोर्ट प्रशासन को सौंपने के निर्देश दिए है.
* मृत चरवाहे के घर को दी भेंट
शनिवार को नागापुर ग्राम के बालासाहेब दरेकर नामक चरवाहे की गाज गिरने से मृत्यु हो गई. रविवार को विधायक प्रताप अडसड ने उसके घर पहुंचकर परिवार को सांत्वना दी और सानुग्रह अनुदान देने के निर्देश संबंधितों को दिए.
* जिलाधिकारी से किया संवाद
समृध्दि महामार्ग के कारण झाडा, आष्टा, गिरोली, निंबोली गांव के किसानों का सर्वाधिक नुकसान हुआ है. लगभग डेढ हजार किसानों के खेतों में समृध्दि महामार्ग के निर्माण कार्य में लापरवाही बरतने से जलजमाव हो गया है. एक पखवाडा पूर्व प्रताप अडसड ने बैठक लेकर समृध्दि का नियोजन करनेबाबत निर्देश दिए थे. लेकिन कुछ न होने से किसानों पर अब दोबारा बुआई का संकट आ गया है.

Back to top button