चिखलदरा/ दि. 15- तहसील के काजल डोह गांव में गत एक माह से जलापूर्ति बंद रहने से ऐन दिवाली के समय लोगों को पानी के लिए मशक्कत करनी पडी. 1500 की आबादी वाले गांव में ग्राम पंचायत को पानी संबंधी शिकायत करने पर भी कोई उपाय न किया गया. यहां के सामाजिक कार्यकर्ता निखिल उईके और विलास उईके ने जलापूर्ति सुचारू न होने पर जिलाधीश से शिकायत करने की बात मीडिया के माध्यम से ग्राम पंचायत सचिव को कहीं है. आजादी के 75 वर्षो बाद भी इस गांव में गुलामी जैसा होने का आरोप उन्होंने किया. उन्होंने आरोप लगाया कि ग्राम सेवक मुख्यालय में नहीं रहते. केवल महीने में एक दो बार ही मीटिंग रहने पर आते हैं. एक दो घंटे ठहरते हैं. जिससे गांव विकास रूका पडा है.
* गांव में नहीं पानी
ग्राम सेवक ध्यान नहीं दे रहे. कॉल भी रिसीव नहीं करते. मुख्यालय में नहीं रहते. महीने में एक दो बार आते हैं. दो दिनों में जलापूर्ति शुरू नहीं हुई तो कलेक्टर से शिकायत करेंगे.
– निखिल उईके, सामाजिक कार्यकर्ता,
मेलघाट
* गुलामी जैसा हाल
देश को स्वतंत्रता मिले 76 वर्ष हो चुके हैं. अब भी गुलामी जैसा हाल है. दिवाली जैसे बडे त्यौहार पर पानी की आपूर्ति बंद रहना, हाल नहीं तो और क्या है?
विलास उईके, सामाजिक कार्यकर्ता, मेलघाट
* बिजली दाब जिम्मेदार
काजल डोह गांव के हित में पानी और अन्य उपाय योजना हेतु दौड धूप शुरू है. विद्युत मंडल पर्याप्त वोलटेज की बिजली सप्लाई नहीं कर पा रहा. विद्युत दाब कम होने से गांव के लोगों को जलसंकट से जूझना पड रहा.
योगेश माहुरे, ग्रामसेवक काजलडोह/ सरपंच राजेश कवडे