* तीनों में कोई छोटा-बडा नहीं रहने की बात कही
* सीएम व डेप्युटी सीएम पद को बताया टेक्नीकल
मुंबई/दि. 4 – महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इसे लेकर विगत 11-12 दिनों से चले आ रहे कयासों पर आखिरकार आज उस समय विराम लग गया जब भाजपा विधायक दल की बैठट में गुटनेता की तौर पर देवेंद्र फडणवीस का नाम तय होने के साथ ही शिंदे गुटवाली शिवसेना के मुखिया एकनाथ शिंदे तथा अजीत पवार गुटवाली राकांपा के अध्यक्ष अजीत पवार ने भी मुख्यमंत्री पद हेतु देवेंद्र फडणवीस के नाम अपना समर्थन पत्र जारी किया और तीनों ही नेताओं ने राज्यपाल राधाकृष्णन से मुलाकात करते हुए सरकार बनाने हेतु दावा भी पेश किया. राज्यपाल के समक्ष सत्ता स्थापना का दावा पेश करने के उपरांत देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे व अजीत पवार ने एक साझा पत्रवार्ता भी की. जिसमें तीनों नेताओं ने खुद को पूरी तरह से एकजुट बताते हुए कहा कि, विगत ढाई वर्ष के कार्यकाल दौरान भी कोई छोटा-बडा नही रहा तथा आगामी पांच वर्ष के कार्यकाल दौरान भी कोई छोटा-बडा नहीं रहेगा. इस समय भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने स्पष्ट किया कि, सीएम व डेप्युटी सीएम के पद उनके लिए टेक्नीकल है और तीनों पदों पर नियुक्त होनेवाले नेताओं का दर्जा समसमान ही रहनेवाला है और तीनों ही साथ मिलकर राज्य की बेहतरी के लिए काम करेंगे.
* बेहतर सरकार देंगे, सभी आश्वासन पूरे करेंगे
इस पत्रवार्ता को संबोधित करते हुए भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि, राज्य की जनता ने जिस तरह से महायुति पर अपना भरोसा जताया है. उसके लिए वे राज्य की जनता के प्रति बेहद आभारी है और अब जनता के विश्वास की कसौटी पर खरा उतरने हेतु राज्य की जनता को एक बेहतर सरकार देते हुए शानदार तरीके से काम किया जाएगा. साथ ही चुनाव प्रचार दौरान किए गए सभी वादों व आश्वासनों को भी पूरा किया जाएगा. इस समय सरकार के गठन में हुए विलंब को लेकर फडणवीस का कहना रहा कि, महायुति में शामिल तीनों घटक दलों की आपसी सहमति से सरकार के गठन का निर्णय लिया गया है. जिसमें थोडाबहुत समय लगना पहले से तय था. साथ ही फडणवीस ने यह भी स्पष्ट किया है कि, सरकार के गठन को लेकर महायुति में शामिल तीनों घटक दलों के नेताओं में किसी भी तरह का कोई मनमुटाव नहीं था और खुद उन्होंने गत रोज मौजूदा कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मुलाकात करते हुए उनसे नई सरकार में शामिल होने का निवेदन किया. जिस पर शिंदे द्वारा सकारात्मक प्रतिसाद दिया गया. साथ ही सबसे बडी बात यह रही कि, शिंदे ने स्वयंस्फूर्त रुप से उनके नाम पर मुख्यमंत्री पद हेतु समर्थन पत्र भी जारी कर राज्यपाल को सौंपा. इस समय देवेंद्र फडणवीस ने यह भी बताया कि, कल शाम साढे पांच बजे मुंबई के आजाद मैदान पर वे राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेंगे और इस शपथविधि समारोह में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा व रिपाइं आठवले गुट के नेता केंद्रीय राज्य मंत्री रामदास आठवले के साथ ही महायुति में शामिल सभी घटक दलों के नेता प्रमुख रुप से उपस्थित रहेंगे.
* ढाई वर्ष पहले का कर्ज आज उतार दिया – शिंदे
इस साझा पत्रवार्ता में उपस्थित मौजूदा कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि, ढाई वर्ष पहले देवेंद्र फडणवीस ने ही मुख्यमंत्री के पद हेतु उनके नाम की शिफारिश की थी और आज उन्हें खुशी है कि, उन्हें देवेंद्र फडणवीस के नाम पर मुख्यमंत्री पद हेतु समर्थन पत्र जारी करने का मौका मिला है. इस तरह से उन्होंने ढाई वर्ष पुराना कर्ज उतार दिया है. साथ ही इस पत्रवार्ता में शिंदे का यह भी कहना रहा कि, उन्होंने पहले ही अपनी भूमिका स्पष्ट करते हुए बताया दिया था कि, उन्हें भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व का फैसला स्वीकार्य रहेगा और उनकी ओर से मुख्यमंत्र पद हेतु कोई बाधा नहीं रहेगी. लेकिन इसके बावजूद उनके गांव जाने को लेकर मीडिया ने अलग-अलग तरह की खबरे फैला दी. यहां तक कि, उनका बीमार पडना भी गुनाह हो गया. इसके साथ ही शिंदे का यह भी कहना रहा कि, विगत ढाई वर्ष के दौरान महायुति की सरकार का कार्यकाल बेहद शानदार रहा. इसकी बदौलत चुनाव में महायुति को दैदिप्यमान सफलता मिली. ऐसे में ट्रिपल इंजिन वाली सरकार द्वारा आगे भी बेहतरिन तरीके से काम किया जाएगा.
* स्पष्ट बहुमत है, मनमुटाव नहीं है, काम शानदार होगा
वहीं इस पत्रवार्ता को संबोधित करते हुए राज्य के मौजूदा कार्यवाहक उपमुख्यमंत्री व राकांपा नेता अजीत पवार ने कहा कि, विधानसभा चुनाव के बाद महायुति के पास स्पष्ट बहुमत है और घटक दलों के बीच कोई मनमुटाव भी नहीं है. जिसके चलते नई सरकार का कार्यकाल बेहद शानदार व सफल रहेगा. साथ ही इस समय अजीत पवार ने अपने दिल्ली दौरे को लेकर मीडिया द्वारा प्रसारित खबरों पर अपनी ओर से खुलासा जारी करते हुए कहा कि, वे भाजपा के किसी भी बडे नेता से मिलने के लिए दिल्ली नहीं गए थे. बल्कि उनका यह दौरा बेहद व्यक्तिगत कारणों के चलते था. अजीत पवार के मुताबिक उनकी पत्नी सुनेत्रा पवार को राज्यसभा सांसद रहने के चलते 11 जनपथ का बंगला आवंटित हुआ है. जहां पर वे आर्किटेक्ट को साथ लेकर साजसज्जा संबंधित काम बताने हेतु गए थे. इसी दौरान उन्होंने राकांपा पार्टी के नाम व चुनावी चिन्ह को लेकर चल रहे अदालती मामलो के संदर्भ में अपने वकिलों से मुलाकात की. जिनसे अब तक उनकी एक बार भी मुलाकात नहीं हुई थी और पूरा काम प्रफुल पटेल द्वारा देखा जाता था. इसके अलावा उन्होंने दिल्ली में अपने एक परिचित के यहां आयोजित वैवाहिक समारोह में हिस्सा लिया और वहां से मुंबई वापिस चले आए. इस दौरान उनकी एक बार भी भाजपा के किसी बडे नेता से कोई मुलाकात नहीं हुई थी.