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महाराष्ट्र में नहीं होने देंगे औरंगजेब का महिमामंडन

सीएम देवेंद्र फडणवीस ने स्पष्ट की अपनी भूमिका

मुंबई/दि. 17 – करीब 50 वर्ष पूर्व मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र को भारतीय पुरातत्व विभाग यानी एएसआई द्वारा संरक्षण दिया गया था. इसके चलते महाराष्ट्र सरकार के लिए उस कब्र को संरक्षण देना क्रमप्राप्त है. परंतु महाराष्ट्र में औरंगजेब की कब्र का महिमामंडन कभी नहीं होने दिया जाएगा, यह बात हर किसी ने ध्यान में रखनी चाहिए और यदि महाराष्ट्र में किसी का महिमामंडन होगा तो वह केवल छत्रपति शिवाजी महाराज और छत्रपति संभाजी महाराज का ही महिमामंडन होगा, इस आशय का प्रतिपादन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा किया गया.
शिवजयंती के मुहूर्त पर भिवंडी में छत्रपति शिवाजी महाराज के मंदिर का उद्घाटन किया गया. इस समय सीएम फडणवीस के हाथो महाराष्ट्र के आराध्य दैवत छत्रपति शिवाजी महाराज की आरती की गई और इस अवसर पर सीएम फडणवीस ने कहा कि, आज हम अपने इष्टदेवी-देवताओं की मंदिरों में जाकर पूजा-अर्चना कर सकते है. क्योंकि कभी इस महाराष्ट्र में छत्रपति शिवाजी महाराज हुआ करते थे, जिन्होंने देश व धर्म की लडाई को जीता था. इसकी वजह से आज हम और आप हिंदू हैं तथा अपने देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना कर सकते है. ऐसे में देश, धर्म व समाज को बचानेवाले छत्रपति शिवाजी महाराज का मंदिर तो होना ही चाहिए. साथ ही सीएम फडणवीस ने यह भी कहा कि, जिस दौर में देश के सभी राजे व रजवाडे मुगलो सहित विदेशी आक्रांताओं की मनसबदारी हासिल कर उनके अधिन काम कर रहे थे और किसी बादशाह या शहंशाह का सरदार बनकर रहने की प्रथा निर्माण हो गई थी. तब राजमाता जिजाऊ ने देश, धर्म व समाज की आजादी के लिए अपने संस्कारों के जरिए अपने इकलौते पुत्र छत्रपति शिवाजी महाराज को समर्पित किया था. जिन्होंने हमें विदेशी दासता से मुक्ति दिलाई थी और छत्रपति शिवाजी महाराज ने समाज के सभी वर्गों को एकजुट करते हुए उनके पौरुषत्व को जगाया तथा उन्हें देश, धर्म व समाज के लिए लडने हेतु तैयार भी किया. ऐसे में छत्रपति शिवाजी महाराज को सही मायने में जननायक भी कहा जा सकता है.

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