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डेंगू पर मिलेगी जीत, बन रही देसी वैक्सीन

टीके के तीसरे फेज का ट्रायल हुआ शुरु

नई दिल्ली/दि.1-डेंगू वायरस से सुरक्षा मिलने की उम्मीद बढ गई है. देश के वैज्ञानिकों ने डेंगू दूर करने के लिए कडी मेहनत कर देसी वैक्सीन तैयार कर ली है. बडी बात यह है कि, वैक्सीन ने फेज-1 और फेज-2 पार कर लिया है. दिल्ली समेत पूरे देश में डेंगू के चारों स्ट्रेन के खिलाफ देसी वैक्सीन का फेज-3 का ट्रायल रन भी शुरु हो गया है. ट्रायल की सफलता मिलते ही डेंगू वायरस को फैलने से रोकने के मामले को बडी कामयाबी मिल सकती है. देश में कुल 18 राज्यों में 19 सेंटरों पर ट्रायल शुरु किया गया, जिसमें दिल्ली में एकमात्र सेंटर राममनोहर लोहिया अस्पताल को चुना गया. यहां पर ट्रायल शुरु किया गया है. वैक्सीन का यह ट्रायल 10 हजार 335 हेल्दी लोगों पर किया जाएगा. और औसतन हर सेंटर में 545 लोगों को ट्रायल में शामिल किया जाएगा. दो साल के फॉलोअप के बाद वैक्सीन मिलने की संभावना है.
अस्पताल के डायरेक्टर और कम्युनिटी मेडिसीन डिपार्टमेंट की एचओडी डॉ.नीलम राय ने बताया कि, वैक्सीन के तीसरे फेज के ट्रायल में 70 प्रतिशत लोग 18-45 साल के और 30 प्रतिशत लोग 45 साल के बीच के होंगे. फेज-1 और फेज-2 ट्रायल सफल होने के बाद ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने डेंगू वैक्सीन का स्टे्रन अमेरिका के नैशनल इंस्टिटयूट ऑफ हेल्थ से लाया गया है. यहां रिसर्च और डेटा का विश्लेषण किया गया है. भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और पैनेसिया बायोटेक लिमिटेड मिलकर क्लिनिकल ट्रायल कर रहे है.
* डेंगू की देसी वैक्सीन क्यों अहम है?
– डेंगू का इन्फेक्शन डेन वन, टू, थ्री और फोर टाइप के स्ट्रेन से फैलता है.
– फिलहाल चारों के खिलाफ न तो एंटी-वायरस दवा है ना तो वैक्सीन
– एंटी-वायरस दवा इन्फेक्शन होने के बाद इस्तेमाल होती है, जबकि वैक्सीन संक्रमण से पहले ही ली जाती है.
– इसलिए डेंगू के वैक्सीन की अहमियत बहुत ज्यादा है.

खतरनाक है डेंगू
-दुनिया के 129 देशों में डेंगू का प्रकोप है.
-भारत उन टॉप-30 देशों में है, जिसमें प्रकोप सबसे ज्यादा है.
-डेंगू बच्चों के लिए ज्यादा खतरनाक है, मौत का खतरा होता है.
-अडल्ट में प्लेटलेट्स कम होने से रिस्क बढ जाता है.
-अब इसके चारों स्ट्रेन पर काम करने वाली वैक्सीन पर काम चल रहा है.

 

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