अन्य शहरमहाराष्ट्रमुख्य समाचारविदर्भ

जब ट्रैक्टर के सामने अचानक आया बाघ

ताडोबा अंधारी व्याघ्र प्रकल्प की घटना

* ‘छोटा मटका’ बाघ ने दिए अकस्मात दर्शन
नागपुर /दि. 25- ताडोबा अंधारी व्याघ्र प्रकल्प में अक्सर ही पर्यटकों और बाघों का आमना-सामना होता ही रहता है और कई बार पर्यटकों के वाहनों के ठीक सामने बाघ आकर खडा हो जाता है, ऐसे प्रसंग इससे पहले अक्सर सामने आ चुके है. इसके साथ ही जंगल से सटे गांव में रहनेवाले गांववासियों को भी कई बार दुपहिया या अन्य वाहनों पर आते-जाते समय बाघ दिखाई देते है. यहां तक की गर्मी के समय कृत्रिम जलस्त्रोत के पास वाघ द्वारा पानी के टैंकर की प्रतीक्षा भी की जाती है. ऐसा ही एक प्रसंग एक ट्रैक्टर चालक के साथ घटित हुआ. जब ट्रैक्टर के व्याघ्र प्रकल्प में घूसते ही ट्रैक्टर के सामने अचानक एक बाघ आकर खडा हो गया. इस प्रसंग का फोटो मौके पर मौजूद सुबोध जाधव नामक वन्यजीव छायाचित्रकार ने खींचा. जिसे खुद राज्य के वन विभाग ने अपने फेसबुक पेज पर प्रसारित किया है, जो देखते ही देखते वायरल भी हो गया है.
जानकारी के मुताबिक ट्रैक्टर के सामने आकर खडे हुए इस बाघ की पहचान ‘छोटा मटका’ नामक बाघ के तौर पर हुई है. जिसका एक तरह से ताडोबा अंधारी व्याघ्र प्रकल्प में साम्राज्य चलता है. कई बार यह बाघ पर्यटक निवासी की छत पर और पास ही स्थित रामदेगी मंदिर की सीढियों पर चढते या फिर मंदिर के चारों ओर घूमते दिखाई देता है. ‘मटकासूर’ नामक प्रसिद्ध नर बाघ तथा ‘छोटी तारा’ नामक मादा बाघ के जरिए सन 2016 में ताडोबा व्याघ्र प्रकल्प के कोर क्षेत्र में ‘छोटा मटका’ नामक बाघ की पैदाईश हुई थी. जिसे ‘ताराचंद’ नामक एक भाई भी था. लेकिन मां से अलग होने के बाद ‘ताराचंद’ की मौत हो गई. वहीं माता-पिता के नाम को मिलाकर इस शावक को ‘छोटा मटका’ नाम दिया गया था.

Back to top button