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उच्च प्राथमिक शिक्षकों को पदवीधर वेतनश्रेणी देने पर कब होगा निर्णय

हाईकोर्ट ने किया सरकार से सवाल

नागपुर/दि.6- राज्य के उच्च प्राथमिक (कक्षा छटवीं से आठवीं) शाला में सभी पदवीधर शिक्षकों को पदवीधर वेतनश्रेणी लागू करने की मांग पर कितने दिनों में निर्णय लेगें. ऐसे कडे सवाल मुंबई उच्च न्यायालय नागपूर खंडपीठ ने राज्य सरकार से पूछे है. इस पर आगामी 12 जून तक ठोस उत्तर देने के आदेश भी कोर्ट ने दिए है.
संबंधित मांग के लिए बुलढाणा, चंद्रपुर व गडचिरोली जिला परिषद शाला के अनेक पीडित पदवीधर शिक्षकों ने उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की है. जिस पर न्यायमूर्ती अविनाश घरोटे व मुकुलिका जवलकर के समक्ष सुनवाई हुई. सरकारन ने सर्वसमावेशक अभ्यास करने के लिए 27 जून 2022 को शिक्षण आयुक्त की अध्यक्षता में समिती की स्थापना करने की जानकारी दी थी. शिक्षकों के वकिल ने अदालत को बताया कि इस समिती की स्थापना हुई है तो सरकार व्दारा अभी तक कुछ निर्णय नहीं लिया गया. इसकी ओर ध्यान दिलाया. राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षण परिषद व्दारा शिक्षा हक्क कानून लागू होने के बाद उच्च प्राथमिक शाला शिक्षक का शैक्षणिक पात्रता के बारे में किया है. अब उच्च प्राथमिक शाला के शिक्षक लगभग पदवीधर रहने व उनके पास डी.टी.एड. या बी.एड. पदवी रहना अनिवार्य है. ऐसा है तो शालेय शिक्षण व क्रीडा विभाग ने सेवाजेष्ठता के आधार पर केवल एक तृतीययांश शिक्षक को पदवीधर वेतन श्रेणी लागू किया है. इस संदर्भ में 13 अक्टुबर 2016 को परिपत्रक जारी किया जाए. ऐसी मांग उन्होनें न्यायालय से की है. शिक्षकों की ओर से एड.प्रदीप क्षीरसागर, एड. प्रफुल्ल कुंभालकर व एड. कैलाश नरवाडे ने अपना पक्ष रखा.

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