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अनिल देशमुख के घर पर 109 बार छापा मारने की जरूरत क्यों

सांसद सुप्रिया सुले का कार्रवाई पर सवालिया निशान

नागपुर/दि.7– जिस व्यक्ति पर कई संगीन आरोप लगे है, वह अब सरकार की ओर से वादामाफ गवाह बनने जा रहा है. वहीं दूसरी ओर पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के घर पर करीब 109 बार छापे मारे गये है. यह शायद अपने आप में एक वर्ल्ड रिकॉर्ड है. जिसका एक मतलब यह भी निकाला जा सकता है कि, पहले 108 बार मारे गये छापे में सीबीआई और ईडी को कुछ भी नहीं मिला. साथ ही यह सवाल भी पूूछा जा सकता है कि, आखिर पूर्व मंत्री अनिल देशमुख के घर पर ऐसा क्या है, जिसके लिए इतने बार छापे मारने की जरूरत पडी. इस आशय के सवाल उठाते हुए राकांपा नेत्री व सांसद सुप्रिया सुले ने राकांपा नेता अनिल देशमुख के खिलाफ की जा रही कार्रवाई को लेकर जांच एजेंसियों को सवालों के घेरे में खडा किया है.
सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि, राकांपा नेता नवाब मलिक पर भी एक नेता ने 300 करोड रूपये के भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था, जो बाद में घटकर 55 लाख का आरोप हो गया. वहीं अब यह आंकडा 5 लाख रूपये हो गया है. ऐसे में आरोप की गंभीरता को समझा जा सकता है. किंतु ऐसे बेसिरपैर के आरोपों के आधार पर केंद्र सरकार द्वारा जिस तरह से जांच एजेंसियों का दुरूपयोग किया जा रहा है, वह अपने आप में आश्चर्यजनक है.

* राकांपा का मुख्यमंत्री होने को सुप्रिया का समर्थन
विगत दिनों यह चर्चा चली की राज्य में अगला मुख्यमंत्री राष्ट्रवादी कांग्रेस का होगा. इस संदर्भ में सवाल पूछे जाने पर सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि, देश में कई राजनीतिक दल है और सभी राजनीतिक दलों के नेताओें, पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओें की यह इच्छा जरूर रहती है कि, उनके राज्य में उनकी पार्टी की सरकार बने और उनकी पार्टी का मुख्यमंत्री हो. इसमें गलत कुछ भी नहीं है. इस तरह से सांसद सुप्रिया सुले ने राकांपा का मुख्यमंत्री होने के संदर्भ में दिये गये वक्तव्य का समर्थन ही किया.

* राज्यसभा चुनाव में पहली बार ‘हॉर्स ट्रेडिंग’
इस समय राज्यसभा चुनाव को लेकर अपने विचार व्यक्त करते हुए सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि, राज्यसभा चुनाव आम सहमति के साथ हो. इस बात को ध्यान में रखते हुए महाविकास आघाडी के कई नेताओं ने भाजपा नेताओं के साथ चर्चा हेतु मुलाकात की और अपने दिल का बडप्पन दिखाया. लेकिन इसके बावजूद भी भाजपा द्वारा छठवीं सीट को लेकर पेंच फंसाया गया. जिसकी वजह से इस बार राज्यसभा चुनाव में ‘हॉर्स ट्रेडिंग’ होने की पूरी संभावना है. जो किसी भी सुसंस्कृत राज्य के लिए ठीक नहीं है. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, हमारे दो नेता बिना किसी कसूर के जेल में है. यह उन दोनों नेताओं सहित हम सभी के लिए अन्यायवाली बात है. ऐसे में इन दोनों नेताओं को राज्यसभा चुनाव में मतदान का अवसर मिले, इस हेतु राकांपा नेता छगन भुजबल खुद प्रयास कर रहे है. साथ ही विधान परिषद चुनाव को लेकर पूछे गये सवाल पर सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि, राज्यसभा का चुनाव निपटने के बाद विधान परिषद चुनाव के बारे में आवश्यक विचार-विमर्श किया जायेगा.

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