धारणी/दि.29-मेलघाट के चिखलदरा तहसील के अंतर्गत हतरू, रायपुर सालीता, सुमिता, बुटिडा, भूत्रम आदि लगभग 25 गांव वर्तमान में पक्की सड़कों और बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं. इससे यहां के नागरिकों के जीवनमान पर काफी असर पड़ रहा है. मेलघाट बचाव आंदोलन समिति के प्रमुख भैयालाल मावस्कर, महाराष्ट्र आदिवासी विकास परिषद के प्रदेश अध्यक्ष रामसाहेब चव्हाण, रवि बेथेकर, काल्या चुथुर ने धारणी में पत्र-परिषद ली. इस पत्र-परिषद में आरोप लगाया गया कि सरकार यहां रहने वाले लोगों के साथ अन्याय कर रही है. सरकार वन विभाग की आड लेकर यहां के नागरिकों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध नहीं करा रही. फिलहाल हमारी लड़ाई स्थानीय स्तर पर चल रही है और अगर राज्य सरकार ने अपनी आंखें नहीं खोलीं तो मेलघाट में जनजागरण कर सीधे दिल्ली पहुंचेंगे और केंद्र सरकार को जगाएंगे.
सेमाडोह से हतरू, भुत्रुम सड़क, डामरीकरण, सीमेंट सड़क बनाई जाए, भुत्रुम से धारनी, खामला से हतरू, परसापुर से जामली आर सड़क पक्की की जाए और आदिवासी बहुजन किसानों के लिए पुल, बोरवेल, कोल्हापुरी बांध का निर्माण किया जाए. मेलघाट के सभी किसानों को समय-समय पर मुआवजा दिया जाना चाहिए. मेलघाट विधानसभा क्षेत्र की जनता के लिए एसटी महामंडल की बस सेवा स्थाई रूप से प्रारंभ की जाए, शबरी घरकुल, राशन कार्ड, संजय गांधी निराधार योजना, वाहन लाइसेंस आदि के संबंध में एक विशेष अभियान चलाया जाना चाहिए. चूंकि मेलघाट विधानसभा क्षेत्र का क्षेत्र बड़ा है, इसलिए अचलपुर जिला तुरंत बनाया जाना चाहिए, यह मांगे मेलघाट बचाव आंदोलनकारियों ने सरकार से की है.