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अब भी जारी है रापनि हडताल

राकांपा सुप्रीमो पवार व परिवहन मंत्री परब की अपील बेअसर

* रापनि कर्मी कदम पीछे लेने तैयार नहीं

* विलीनीकरण होने तक संघर्ष जारी रखने का ऐलान

* कोर्ट का फैसला आने तक जारी रहेगा दुखडा आंदोलन

अमरावती/दि.11- गत रोज मुंबई स्थित सह्याद्री अतिथीगृह में राकांपा सुप्रीमो व सांसद शरद पवार तथा राज्य के परिवहन मंत्री अनिल परब द्वारा राज्य परिवहन निगम कर्मचारियों के 22 संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक की गई थी. जिसमें दो माह से चली आ रही रापनि कर्मियों की हडताल को खत्म करने पर एक तरह से आम सहमति बन गई थी. जिसकी जानकारी बैठक के बाद बुलाई गई पत्रवार्ता में दी गई थी. ऐसे में उम्मीद थी कि, संभवत: आज मंगलवार 11 जनवरी से राज्य परिवहन निगम कर्मचारियों की हडताल खत्म हो जायेगी और राज्य में एक बार फिर सडकों पर सरकारी एसटी बसें दौडती दिखाई देगी. किंतु उम्मीद से विपरित ऐसा कुछ भी नहीं हुआ और अमरावती शहर व जिले सहित समूचे राज्य में रापनि कर्मियों की हडताल व दुखडा आंदोलन बदस्तूर जारी रहे.
इस संदर्भ में स्थानीय मध्यवर्ती बस स्थानक के समक्ष आंदोलन कर रहे रापनि कर्मचारियों का कहना रहा कि, यह आंदोलन किसी दल अथवा संगठन का नहीं है और सरकार से बातचीत करने हेतु किसी भी संगठन को अधिकृत भी नहीं किया गया है. साथ ही जिन संगठनों के स्वयंभू नेताओं व प्रतिनिधियों ने कल जाकर मुंबई में आयोजीत बैठक में हिस्सा लिया, उनका रापनि कर्मचारियों के साथ कोई लेना-देना भी नहीं है. ऐसे में कल की बैठक में चाहे जो फैसला हुआ हो, वह रापनि कर्मियों पर कतई लागू नहीं है. अत: रापनि कर्मियों द्वारा अपनी हडताल को बदस्तूर जारी रखा जायेगा.
* जिन्हें काम पर लौटना हो, वे जा सकते हैं, कोई रोक नहीं
स्थानीय बस स्थानक के समक्ष आंदोलन कर रहे रापनि कर्मियों का कहना रहा कि, इस आंदोलन के दौरान उन्होंने अपने 74 साथियों को खोया है. जिसमें से अधिकांश ने सरकार की नीतियों व अनदेखी से त्रस्त होकर आत्महत्या कर ली है. ऐसे में वे इस समय इस हडताल के जरिये अपना दुखडा व्यक्त कर रहे है और जब तक सरकार द्वारा विलीनीकरण की मांग को पूरी तरह से मान्य नहीं किया जाता, तब तक यह आंदोलन बदस्तूर जारी रहेगा. वहीं इस दौरान यदि कोई वेतनवृध्दि की लालच या कार्रवाई के भय की वजह से काम पर लौटना चाहता है, तो उसे काम पर लौटने से रोका भी नहीं जायेगा. इससे पहले भी कई कर्मचारी हडताल छोडकर काम पर वापिस लौट चुके है. जिन्हें रोका नहीं गया. साथ ही रापनि बसों के परिचालन में भी कोई अडंगा नहीं डाला गया.

* कौन हैं शरद पवार?
बस स्थानक के समक्ष अपना दुखडा व्यक्त कर रहे रापनि के हडताली कर्मचारियों का यह भी कहना रहा कि, इस मामले में राज्य के मुख्यमंत्री ने अब तक एक बार भी अपना कोई बयान नहीं दिया है. वहीं परिवहन मंत्री द्वारा बार-बार डराने व धमकानवाली भाषा का प्रयोग किया गया. साथ ही अब इस मामले में हस्तक्षेप करने हेतु शरद पवार सामने आये है, जो केवल एक राजनीतिक दल के मुखिया और राज्यसभा के सांसद है तथा उनकी राज्य सरकार में कोई हैसियत या भूमिका भी नहीं है. वे इस हडताल या रापनि कर्मचारियों के संदर्भ में अपने स्तर पर कोई निर्णय भी नहीं ले सकते. अत: शरद पवार की बातों पर यकिन करने का भी कोई सवाल नहीं उठता. ऐसे में यह हडताल आगे भी जारी रहेगी.

* हमारे वकील अब भी गुणरत्न सदावर्ते
रापनि के हडताली कर्मचारियों का यह भी कहना रहा कि, राज्य के करीब 75 हजार रापनि कर्मियों ने हाईकोर्ट में अपना हलफनामा पेश करते हुए एड. गुणरत्न सदावर्ते को अपना वकील नियुक्त किया है और अब भी एड. गुणरत्न सदावर्ते ही रापनि कर्मियों के वकील है तथा वे ही हाईकोर्ट में हमारी ओर से पैरवी करेंगे. अत: सरकार के किसी मंत्री अथवा किसी राजनीतिक दल के मुखिया के कहने पर वकील बदलने का कोई सवाल ही नहीं उठता.

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