6 सेवानिवृत्त अधिकारी भी विधानसभा के चुनावी अखाडे में
सीएम व डेप्युटी सीएम के स्वीय सचिवों का भी समावेश
मुंबई/दि.13– सरकारी सेवा में कई वर्ष बिताने के बाद राजनीतिक महत्वाकांक्षा रखनेवाले 6 सेवानिवृत्त प्रशासनिक अधिकारी इस बार के विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी बनकर अपना भविष्य आजमा रहे है. विशेष यह है कि, सीएम एकनाथ शिंदे के पूर्व स्वीय सचिव बालाजी खतगांवकर नांदेड जिले के मुखेड निर्वाचन क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनावी मैदान में है. वहीं डेप्युटी सीएम देवेंद्र फडणवीस के निजी स्वीय सचिव सुमीत वानखडे भाजपा प्रत्याशी के तौर पर आर्वी निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड रहे है.
बता दे कि, मुखेड विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र महायुति के तहत शिवसेना को मिलने हेतु काफी प्रयास किए गए. परंतु भाजपा का पारंपरिक गढ रहनेवाले इस निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा के मौजूदा प्रत्याशी तुषार वानखडे को ही भाजपा द्वारा उम्मीदवार बनाया गया. ऐसे में सीएम शिंदे के पूर्व स्वीय सचिव रह चुके बालाजी खतगांवकर ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लडने का निर्णय लिया. मुख्यमंत्री कार्यालय में कार्यरत रहते समय बालाजी खतगांवकर ने चुनाव को आंखों के सामने रखते हुए मुखेड निर्वाचन क्षेत्र के लिए बडे पैमाने पर निधि भी उपलब्ध कराई थी.
इसके अलावा संभाजी झेंडे, सिद्धार्थ खरात, रामदास पाटिल, विजय नाहटा व प्रभाकर देशमुख जैसे अन्य सेवानिवृत्त सनदी अधिकारी भी चुनावी मैदान में है. जिसमें से संभाजी झेंडे, सुमीत वानखडे व सिद्धार्थ खरात अलग-अलग राजनीतिक दलों की ओर से प्रत्याशी बनाए गए. अजीत पवार गुट वाली राकांपा की ओर से पूर्व अधिकारी संभाजी झेंडे को पुरंदर निर्वाचन क्षेत्र से प्रत्याशी बनाया गया. जहां उनका मुकाबला कांग्रेस के संजय जगताप से होगा. हकिकत में संभाजी झेंडे इससे पहले शरद पवार गुट वाली राकांपा में थे. परंतु पुरंदर की सीट महाविकास आघाडी के तहत कांग्रेस के हिस्से चले जाने के चलते संभाजी झेंडे ने अपना झंडा बदल दिया. बता दे कि, संभाजी झेंडे राजस्व मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल के साले है.
इसी तरह नवी मुंबई के बेलापुर निर्वाचन क्षेत्र से मनपा के पूर्व आयुक्त विजय नाहटा निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड रहे है. भाजपा की मौजूदा विधायक मंदा म्हात्रे को इस बार भी टिकट मिल जाने के चलते विजय नाहटा को शिंदे गुटवाली शिवसेना की ओर से अवसर नहीं मिला तो उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लडने का निर्णय लिया.