* सडके फोर लेन करने का अनुरोध
नागपुर/दि.25– शासन की तरफ से देश में सडको का जाल बिछाया रहने का दावा किया जा रहा हो, फिर भी राज्य के बहुल क्षेत्र की परिस्थिति ज्यादा बदलाव होती दिखाई नहीं देती. गढचिरोली जिले के गढचिरोली-आलापल्ली-सिरोंचा मार्ग का ठप पडा चौडाईकरण इसका उदाहरण है. इस अधूरे काम के कारण परिसर के 600 गांव का असर होता रहने का दावा मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ में दायर एक जनहित याचिका में किया है.
नागपुर निवासी और अखिल भारतीय हिंदू महासभा के राष्ट्रीय प्रचारक मोहन कारेमोरे ने यह याचिका दायर की. इस प्रकरण पर न्यायमूर्ति नितिन सांबरे और न्यायमूर्ति अभय मंत्री के सामने सुनवाई हुई. याचिका के मुताबिक गढचिरोली जिले के गढचिरोली-आलापल्ली-सिरोंचा मार्ग राष्ट्रीय महामार्ग 353 सी के रुप में पहचाना जाता है. इस मार्ग का चौडाईकरण प्रस्तावित है. गिताली-मोसम-झामेला नल्ला से सिरोंचा पट्टे का चौडाईकरण होना अपेक्षित है. लेकिन अब तक काम शुरु नहीं हुआ है. इस मार्ग की स्थिति इतनी खराब है कि, 100 किलोमीटर की दूरी काटने के लिए 10 से 12 घंटे की अवधि लगती है. इस कारण स्थानीय नागरिकों को काफी परेशान होना पड रहा है. सडको के गढ्ढो के कारण अनेक दुर्घटना भी हुई. इन सडको के चौडाईकरण का प्रस्ताव 2021 में हुआ था. इसके लिए 2023 में निविदा प्रक्रिया शुरु हुई. लेकिन अब तक काम शुरु नहीं हुआ है. इस परिसर के करीबन 600 गांव के ग्रामवासियों को विविध दुविधा का सामना करना पडा है. इस क्षेत्र में मानसून में अच्छा तापमान दर्ज किया जाता है. इस अवधि में ग्रामवासियों को वैद्यकीय सुविधा मिलना भी कठिन होता है. इस कारण इन सडकों की दुरुस्ती और चौडाईकरण का काम हाथ में लेकर उसे जल्द से जल्द पूर्ण करने का अनुरोध याचिका द्वारा किया गया है. न्यायालय ने राज्य शासन को दो सप्ताह में जवाब प्रस्तुत करने के आदेश दिए है. याचिकाकर्ता की तरफ से एड. मनोजकुमार मिश्रा ने पक्ष रखा.
* खराब सडको के कारण बस फेरी कम
गढचिरोली-आलापल्ली-सिरोंचा पट्टा 150 किलोमीटर का है. इन सडको की अवस्था काफी खराब है. उस परिसर से बस ले जाने पर बस खराब होती है. इस कारण बस की देखरेख दुरुस्ती के लिए अधिक खर्च होता है. इस कारण राज्य परिवहन मंडल ने इस परिसर से बस की फेरी कम की है, ऐसा दावा याचिकाकर्ता द्वारा किया गया है. इस कारण इन सडके के चौडाईकरण का काम जल्द से जल्द पूर्ण करने का अनुरोध याचिकाकर्ता ने न्यायालय में किया है.