* सरकार के कडे प्रस्ताव अमान्य
* किसान भटकेंगे रबी सीजन के मुहाने पर
अमरावती/दि. 1– महाराष्ट्र फर्टिलाइजर पेस्टिसाइड्स, सिड्स डिलर्स असो. के आवाहन पर कल 2 नवंबर से आयोजित तीन दिवसीय हडताल में अमरावती जिला असो. भी सहभागी होगा, यह ऐलान अध्यक्ष मिलिंद इंगोले ने किया. उन्होंने बताया कि जिले की 800 से अधिक कृषि केंद्र दुकानें इस आंदोलन में सहभागी होगी और तीन दिन बंद रहेगी. करोडों का कारोबार ठप रहेगा.
* एमपीडीए का प्रावधान अमान्य
इंगोले ने अमरावती मंडल को बताया कि सरकार ने कृषि केंद्र संचालकों पर बीज और कीटनाशक खराब निकलने पर क्षतिपूर्ति देने उसी प्रकार गुंडे, बदमाशों पर लगाए जाते एमपीडीए के प्रावधान नए कानून में किए हैं. इसका पूरे प्रदेश में प्रखर विरोध हो रहा है. विरोध स्वरुप 2 नवंबर से 3 दिनों तक राज्य में सभी बिक्री केंद्र 100 प्रतिशत बंद रहेंगे. सरकार नहीं मान रही इसलिए अब आंदोलन के सिवा चारा नहीं है. अमरावती में आंदोलन सफल रहने का दावा भी अध्यक्ष इंगोले ने किया. शहर में 75 से अधिक कृषि केंद्र गुरुवार से शनिवार तक बंद रहेंगे.
* अभ्यास नहीं, सीधे कानून
मारुती सीड्स के संचालक आशीष मूंधडा ने कहा कि असो. के साथ है. सरकार ने कानून में जो प्रावधान किए हैं वह दुकानदार और किसान दोनों के ही विरोध में हैं. किसानों का भला हो, ऐसा कानून लाना चाहिए. क्योंकि किसान खुश तो सभी खुश. मूंधडा ने कहा कि सरकार ने विधेयक से पहले कोई अध्ययन नहीं किया. सीधे कानून बना डाला. सरकार को कडे प्रावधान पीछे लेने पडेंगे.
* विधेयक रद्द करें
नैशनल सेल्स कार्पो. के अमोल कपीले ने कहा कि सरकार को व्यापारी वर्ग को विश्वास में लेकर नए प्रावधान करने चाहिए थे. कल से चार दिन कृषि केंद्र बंद रहेंगे. जिससे किसानों को दिक्कत होगी. सरकार इस आंदोलन के बाद भी नहीं मानती है तो, आगे और कडा आंदोलन करने हम तैयार है. व्यापारी टैक्स चुकाते हैं, उनकी सुनवाई होनी ही चाहिए. ऐसे कडे प्रावधान किसे मान्य होंगे?
* कंपनी का भूदंड हम क्यों सहें
मांजरी मसला के संतकृपा कृषि सेवा केंद्र के संचालक सतीश मानकर ने कहा कि 41, 42, 43 नियम के कडे प्रावधानों के निषेधार्थ कल से तीन दिन बंद है. कंपनी का पैकिंग का बीज या कीटनाशक बेचने पर वह त्रुटिपूर्ण निकला तो दुकानदार पर भूदंड लगाना सरासर गलत है. सरकार की यंत्रणा है. वह कंपनी के उत्पाद के लिए उस पर कार्रवाई करें. विक्र्रेता पर कार्रवाई की बात ही गलत है. हमारा आंदोलन कडा होगा. हमें हमारे नेतृत्व पर भरोसा है.
* किसानों के नुकसान का दुख
आई कृषि सेवा केंद्र सावनेर के अविनाश बारसे ने कहा कि कृषि सामग्री की दुकाने बंद रहने से रबी सीजन हेतु किसानों को दिक्कत होगी, उनकी परेशानी के लिए खेद है. क्योंकि तुअर के फव्वारे चल रह हैं. रबी सीजन की शुरुआत है. हम तो सेवा के लिए बैठे हैं. नाम में ही सेवा है. किसानों को असुविधा से बचाने के लिए सरकार को हमारी मांगे माननी पडेगी. जितनी जल्दी निर्णय करे अच्छा है. अकेले अमरावती में 800 से अधिक दुकानों का तीन दिन व्यवहार बंद रहेगा, लाखों-करोडों का कारोबार ठप रहेगा. सरकार का भी इसमें हित नहीं है.