अमरावती /दि.28– मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प में किए गए तितलियों के सर्वेक्षण में तितलियों की 88 प्रजातियां दर्ज की गई. जिनमें 7 नई प्रजातियां भी पायी गई है. इस नई जानकारी के साथ ही अब मेलघाट में तितलियों की प्रजातियों की कुल संख्या 141 हो गई है. तितलियों को लेकर यह सर्वेक्षण 17 से 20 नवंबर के दौरान किया गया.
बता दें कि, मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प के सुवर्ण महोत्सवी वर्ष निमित्त इस वर्ष पहली बार ही मेलघाट में यह सर्वेक्षण किया गया. इस सर्वेक्षण में विविध स्थानों से आए अभ्यासकों सहित मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प के अधिकारी व कर्मचारी शामिल हुए थे. मेलघाट में हमेशा ही पायी जाने वाली 134 तरह की प्रजातियों वाली तितलियों में से इस बार कुल 88 प्रजातियों की जानकारी को दर्ज किया गया. तीन दिन तक चले इस सर्वेक्षण में संकलित की गई जानकारी का अध्ययन करने पर पाया गया कि, मेलघाट में इस सर्वेक्षण दौरान 88 प्रजातियों की करीब 2980 तितलियों को देखा गया है. इससे पहले वन्यजीव अभ्यासक डॉ. जयंत वडतकर ने मेलघाट में तितलियों का अध्ययन किया था और उन्होंने कुल 134 प्रजातियों की जानकारी दर्ज की थी. जिसमें से इस बार के सर्वेक्षण में 88 प्रजातियों की तितलियों को देखा गया है. साथ ही इस सर्वेक्षण में शामिल रोहित टेकोडे, दीपक जोशी, व्योम चौधरी, प्रा. सफल पाटिल, मनीष ठाकरे व इंदाराम नागेश्वरराव ने 7 नई प्रजातियों की जानकारी को पंजीबद्ध किया. इस दौरान महाराष्ट्र की राज्य तितली का दर्जा प्राप्त रहने वाले नीलवंत (ब्ल्यू मॉर्मन) तितली को भी मेलघाट परिसर में देखा गया है. जिसके चलते अब मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प में रहने वाली तितलियों की प्रजातियों की संख्या 131 हो गई है.
मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प की क्षेत्र संचालक जयोति बैनर्जी के मार्गदर्शन में उपवन संरक्षक जयकुमारन, सुमंत सोलंके व दिव्या भारती तथा विभागीय वन अधिकारी मनेाज खैरनार व यशवंत बहाले के सहयोग से यह सर्वेक्षण पूरा हुआ. जिसमें मानद वन्यजीव रक्षक डॉ. जयंत वडतकर व प्रा. डॉ. सावंत देशमुख ने योगदान दिया. साथ ही इस सर्वेक्षण को सफल बनाने हेतु वन परिक्षेत्र अधिकारी योगेश तापस एवं हर्षाली रिठे सहित स्वप्निल बांगले, अतुल तिखे व मनीष ढाकुलकर ने परिश्रम किया.