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और एक आरएफओ के खिलाफ महिला वनकर्मी की शिकायत

मानसिक प्रताडना के चलते गर्भपात होने का आरोप

अमरावती/दि.11- मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प में महिला वन अधिकारी व कर्मचारी किस कदर असुरक्षित है और उन्हें किस हद तक अपने वरिष्ठाधिकारियों की प्रताडना का सामना करना पडता है, इसकी जानकारी फॉरेस्ट रेंजर दीपाली चव्हाण आत्महत्या मामले की वजह से सामने आयी थी. जिसके बाद लगा था कि, अब शायद भविष्य में दुबारा कभी ऐसे मामले सामने नहीं आयेंगे. किंतु इसके बावजूद ऐसी शिकायतें लगातार सामने आ रही है और अब ढाकना के वन परिक्षेत्र अधिकारी के खिलाफ एक महिला वन कर्मचारी ने शिकायत दर्ज करायी है. जिस पर विशाखा समिती की जांच रिपोर्ट मिलने की प्रतीक्षा की जा रही है, ताकि मामले में आवश्यक कार्रवाई की जा सके. यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, दीपाली चव्हाण आत्महत्या मामले के बाद यह पांचवी शिकायत सामने आयी है.
जानकारी के मुताबिक गूगामल वन्यजीव विभाग अंतर्गत ढाकणा वन परिक्षेत्र अधिकारी हीरालाल चौधरी के खिलाफ एक महिला कर्मचारी द्वारा करीब डेढ माह पहले शिकायत दर्ज करायी थी. जिसमें कहा गया था कि, इस अधिकारी द्वारा की जानेवाली मानसिक प्रताडना के चलते उसका गर्भपात तक हो गया. पश्चात इस वन परिक्षेत्र अधिकारी को निलंबीत किया गया था और व्याघ्र प्रकल्प की महिला सहायक वन संरक्षक का समावेश रहनेवाली विशाखा समिती द्वारा मामले की जांच शुरू की गई. वहीं दूसरी ओर मंगलवार को हीरालाल चौधरी का तबादला होने के चलते उन्हें बाकायदा बिदाई भी दी गई. ऐसे में सबसे बडा सवाल यह है कि, इस पूरे दौरान विशाखा समिती क्या कर रही है और महिला कर्मचारी की शिकायत के बाद निलंबीत किये गये अधिकारी को तबादला कैसे दिया गया.

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