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गुस्सा… पथराव…. लाठीचार्ज… आंसू गैस… चीत्कार

हिंसक व उग्र हुआ पांढरी खानमपुर वासियों का आंदोलन

* संभागीय आयुक्तालय पर बैरिकेटींग व पुलिस वाहनों की तोडफोड
* पुलिस ने भी किया हलका बलप्रयोग, आंसू गैस के गोले दागे


* पानी की बौछारे मारकर आंदोलनकारियों को किया गया तितर-बितर
* तनावपूर्ण हालात के बावजूद स्थिति रही पूरी तरह नियंत्रण में
अमरावती/दि.12– अंजनगांव सुर्जी तहसील के पांढरी खानमपुर गांव की मुख्य सडक पर पक्का प्रवेशद्वार बनाकर उसे डॉ. बाबासाहब आंबेडकर का नाम दिये जाने की मांग को लेकर अपने गांव से पैदल चलते हुए विगत गुरुवार को अमरावती पहुंचे आंबेडकरी समूदाय के लोगोें ने गत रोज स्थानीय विभागीय आयुक्त कार्यालय पर जमकर धरना प्रदर्शन किया और सरकार विरोधी नारेबाजी करते हुए संभागीय राजस्व आयुक्त को ज्ञापन सौंपकर अपनी मांगों को जल्द से जल्द पूरा करने का निवेदन दिया. वहीं इस दौरान एक प्रतिनिधि मंडल के साथ प्रशासनीक अधिकारियों की बैठक जारी रहने के बीच ही आयुक्तालय पर डटे कुछ आंदोलनकारियों ने पुलिस बैरिकेटींग को तोडते हुए पुलिस के वाहनों पर पथराव करना शुरु कर दिया. जिससे कई पुलिस कर्मी घायल हुए. साथ ही पुलिस के कई वाहनों सहित दमकल वाहन भी क्षतिग्रस्त हुए. इसके अलावा इस परिसर में खडे दुपहिया वाहनों को भी आंदोलकारियों द्वारा जमकर नुकसान पहुंचाया गया. आंदोलनकारियों द्वारा रास्ता अख्तियार किये जाते ही पुलिस दल ने तुरंत हरकत में आकर हलका बल प्रयोग किया और आंसू गैस के गोले दागने के साथ ही पानी की बौछारे मारते हुए आंदोलनकारियों को तितर-बितर करने का काम किया गया.

इसी दौरान इस हंगामे की जानकारी मिलते ही शहर पुलिस आयुक्त नवीनचंद्र रेड्डी एवं पुलिस उपायुक्त सागर पाटिल ही दल बल सहित मौके पर पहुंच गये थे. वहीं संभागीय आयुक्त डॉ. निधी पाण्डेय एवं जिलाधीश सौरभ कटियार ने भी इस परिसर का मुआयना करते हुए कुछ आंदोलनकारियों से भेंट की और इस बलवे के दौरान घायल हुए पुलिस कर्मियों एवं अन्य लोगों को तत्काल अस्पताल पहुंचाने का इंतजाम करवाया. गत रोज इस घटना के चलते विभागीय आयुक्तालय परिसर में वातावरण बेहद तनावपूर्ण हो चला था. हालांकि पुलिस ने स्थिति को पूरी तरह से अपने नियंत्रण में रखा था. वहीं इस घटना की वजह से संभागीय आयुक्तालय परिसर के पास से गुजरने वाले पुराना बायपास मार्ग पर वाहनों की आवाजाही बुरी तरह से प्रभावित हुई थी और पुराना बायपास मार्ग पर वाहनों की लंबी-लंबी कतारे लग गई थी. साथ ही आयुक्तालय परिसर से लेकर आईटीआई कालोनी, कांता नगर व पुराना बियाणी चौक की ओर जाने वाले रास्तों पर भगदड वाली स्थिति बनी दिखाई दे रही थी.

इस बारे में मिली विस्तृत जानकारी के मुताबिक विगत शुक्रवार से संभागीय राजस्व आयुक्तालय के समक्ष अपनी प्रलंबित मांग के लिए ठिया लगाकर बैठक पांढरी खानमपुरवासियों का एक प्रतिनिधि मंडल गत रोज प्रा. डॉ. कमलताई गवई के नेतृत्व में संभागीय राजस्व आयुक्त डॉ. निधि पाण्डेय व जिलाधीश सौरभ कटियार से चर्चा एवं विचार विमर्श करने दोपहर 4 बजे के आसपास पहुंचा था और जब इस प्रतिनिधि मंडल की प्रशासनीक अधिकारियों के साथ चर्चा चल रही थी, उस दौरान आयुक्तालय परिसर के बाहर स्थित पांढरी खानमपुर गांव के लोगों द्वारा जमकर नारेबाजी करते हुए तीव्र प्रदर्शन किया जा रहा था. दोपहर 4.30 बजे के बाद जब प्रा. कमलताई गवई एवं प्रतिनिधि मंडल में शामिल अन्य लोग बैठक के बाद बाहर आ रहे थे, तो आयुक्तालय के बाहर उपस्थित पांढरीवासियों ने उनसे बैठक में हुई बातचीत का ब्यौरा जानने का प्रयास किया. अभी यह बातचीत चल ही रही थी कि, कुछ लोगों ने अचानक ही संभागीय आयुक्तालय के भीतर की ओर पत्थर मारने शुरु कर दिये. वहीं इससे पहले कई लोग पुलिस बैरिकेटींग व आयुक्तालय के मुख्य प्रवेशद्वार को तोडकर भीतर प्रवेश करने का प्रयास कर रहे थे. जिसके चलते आयुक्तालय परिसर में पहले से अच्छा खासा पुलिस बंदोबस्त लगा हुआ था. ऐसे में बाहर खडी भीड द्वारा अचानक शुरु की गई पत्थरबाजी की चपेट में कई पुलिस कर्मी आ गये. जिन्हें पत्थर लगने की वजह से अच्छी खासी चोटे आयी. साथ ही साथ उग्र भीड द्वारा की गई पत्थरबाजी की वजह से आयुक्तालय परिसर में भीतर खडे कई दुपहिया व चारपहिया वाहन भी क्षतिग्रस्त हुए. इसके अलावा उग्र भीड में शामिल कई लोगों ने जानबूझकर इस परिसर में खडे पुलिस के कई वाहनों सहित दमकल के एक वाहन पर जमकर पथराव किया. जिससे कई सरकारी वाहन क्षतिग्रस्त हो गये.

* पुलिस तुरंत आयी एक्शन में
संभागीय आयुक्तालय के समक्ष प्रदर्शन कर रहे लोगों के बेकाबू व हिंसक होते ही बंदोबस्त में तैनात पुलिस का दल तुरंत एक्शन में आ गया तथा पुलिस के दल ने हलका बलप्रयोग करने के साथ ही भीड को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और वरुण वाहन के जरिए आंदोलनकारियों पर पानी की तेज धाराएं भी छोडी गई. जिसके बाद भीड में शामिल लोगों में भगदड मच गई और हालात में किसी तरह से काबू पाया गया.

* आयुक्तालय के सामने वाली सडक पर पत्थर ही पत्थर
भीड द्वारा किये गये पथराव की वजह से संभागीय आयुक्तालय के भीतर परिसर सहित सामने स्थित पुराना बायपास मार्ग वाली सडक पर हर ओर ईट-रोडा व पत्थर ही पत्थर पडे दिखाई दे रहे थे. जिससे पूरी सडक उबड-खाबड दिख रही थी. साथ ही साथ सडक पर हर ओर पानी भी फैला हुआ था, जो वरुण वाहन से भीड को तितर-बितर करने हेतु छोडा गया था.

* सीपी रेड्डी खुद उतरे ऑन रोड
संभागीय आयुक्तालय पर हुए बलवे की खबर मिलते ही शहर पुलिस आयुक्त नवीनचंद्र रेड्डी खुद हेल्मेट पहनकर मौके पर पहुंचे और उन्होंने संभागीय आयुक्तालय के भीतरी व बाहरी परिसर का जायजा लेते हुए हालात को नियंत्रित रखने हेतु अपने मातहतों को आवश्यक निर्देश जारी किये. साथ ही साथ अपने मोबाइल फोन के जरिए अपने वरिष्ठों को भी पूरी स्थिति से अवगत करवाया. इस समय सीपी रेड्डी के साथ पुलिस उपायुक्त सागर पाटिल एवं अन्य अधिकारी भी मौजूद थे.

* डीसी व कलेक्टर ने भी लिया हालात का जायजा
वहीं संभागीय राजस्व आयुक्त डॉ. निधी पाण्डेय व जिलाधीश सौरभ कटियार ने भी बैठक पश्चात संभागीय आयुक्तालय से बाहर निकलकर जमीनीस्तर पर जायजा लिया. इस समय संभागीय आयुक्त डॉ. पाण्डेय ने इस बलवे में घायल हुए पुलिस कर्मियों व नागरिकों के हलचल के बारे में पूछने के साथ ही हिंसक प्रदर्शन के दौरान हुए नुकसान का आकलन करने हेतु आवश्यक निर्देश जारी किये.

* दोषियों को बक्शा नहीं जाएगा
– संयुक्त पत्रवार्ता में बोले अधिकारी
कल देर शाम जिलाधीश सौरभ कटियार, शहर पुलिस आयुक्त नवीनचंद्र रेड्डी व ग्रामीण पुलिस अधीक्षक विशाल आनंद द्वारा जिलाधीश कार्यालय में संयुक्त रुप से एक पत्रवार्ता बुलाई गई. जिसमें गत रोज दोपहर घटित हुई घटना को बेहद दुखद बताते हुए कहा गया कि, प्रशासन इस मामले का आपसी सामंजस्य के साथ निपटारा करना चाह रहा था. जिसके तहत दोनों पक्षों को आमने-सामने बैठकर बातचीत करने का प्रस्ताव दिया गया था. लेकिन गत रोज प्रशासन के साथ चर्चा करने आये लोग अपनी अडियल भूमिका पर भी अडे रहे और उन्होंने प्रशासन के प्रस्ताव से इंकार कर दिया. इसी दौरान आयुक्तालय परिसर के बाहर खडे कुछ लोगों ने भीड को उकसाने का काम किया. जिसे भीड में शामिल लोग भडक गये तथा हिंसा व तोडफोड पर उतारु हो गये. ऐसे सभी लोगों को चिन्हित करने का काम चल रहा है. जिसके बाद ऐसे लोगों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाएगी. इस बैठक के दौरान शहर पुलिस आयुक्त नवीनचंद्र रेड्डी व ग्रामीण पुलिस अधीक्षक विशाल आनंद ने बेहद सख्त लहजे में कहा कि, पांढरी खानमपुर गांव सहित अमरावती शहर में कानून व व्यवस्था की स्थिति के लिए खतरा पैदा करने वाले किसी भी व्यक्ति को बक्शा नहीं जाएगा तथा गत रोज अमरावती में हिंसक एवं तोडफोड वाली वारदात को अंजाम देने वाले प्रत्येक व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. क्योंकि इन आंदोलनकारियों ने पुलिस कर्मियों को घायल करने के साथ-साथ सरकारी संपत्ति का बडे पैमाने पर नुकसान किया है.

* पथराव में पीआई व पीएसआई सहित 25 घायल
विभागीय आयुक्तालय के सामने आंदोलकों द्वारा किये गये पथराव की वजह से पीएसआई शेख अयूब खान गंभीर रुप से घायल हुए. जिन्हें 7 से अधिक टाके लगाने पडे. इसके साथ ही पीआई राहुल आठवले, बाबाराव अवचार व क्राइम ब्रांच प्रमुख गोरखनाथ जाधव, पीएसआई गजानन लोखंडे, अविनाश नवहरे, पुलिस कर्मी सुदाम इंगले, श्रीकांत मेश्राम, विक्की यादव, अविनाश पोकले, जगदीश पाली, अमोल चौधरी, मोहम्मद सुलतान, शंतनू, सचिन मकेश्वर, एकनाथ चव्हान, राहुल भटकर, वृषाली ढोले, अपेक्षा आनई, अंकिता जावरकर, ज्योति नागरे के साथ ही मनपा अग्निशमन विभाग के शेखर कोल्हे व ऋषिकेश जाधव को भी पत्थर लगने की वजह से चोटे आयी. वहीं पांढरी खानमपुर गांव में रहने वाले दिलीप रायबोले (57), विजय रायबोले (23), कैलास वाकपांजर (45) के साथ ही प्रवीण वानखडे (43, चिंचोली रहीमापुर) व सतीश इंगोले (48, अचलपुर) को भी अच्छी खासी चोटे आयी.


* पांढरी खानमपुर में तगडा बंदोबस्त
गत रोज अमरावती में संभागीय राजस्व आयुक्त कार्यालय के सामने हुई हिंसा के बाद पांढरी खानमपुर गांव में पुलिस का बंदोबस्त बढा दिया गया है तथा गांव में 50 से 60 पुलिस कर्मियों की अतिरिक्त टूकडी को तैनात करते हुए चप्पे-चप्पे की निगरानी की जा रही है. साथ ही पुलिस द्वारा अब किसी भी स्थिति से निपटने की तैयारी कर ली गई है.

* क्या है पूरा मामला?
26 जनवरी 2024 को पांढरी खानमपुर ग्रामपंचायत की ग्रामसभा में गांव के मुख्य रास्ते पर डॉ. बाबासाहब आंबेडकर के नाम वाला प्रवेशद्वार लगाने का प्रस्ताव पारित किया गया था. जिसके बाद निर्माण हेतु आवश्यक रहने वाली प्रक्रिया पूर्ण होने से पहले ही गांव के एक गुट ने लोहे का प्रवेशद्वार खडा करते हुए उसका नामकरण भी कर दिया. जिसका गांव में रहने वाले अन्य लोगों ने विरोध किया और तब से ही गांव में तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई थी. साथ ही दोनों पक्षों के बीच आपसी समन्वय स्थापित करने में प्रशासन भी असफल रहा. वहीं 6 मार्च को एक बार फिर ग्रामसभा बुलाई गई थी. जिसकी भनक लगते ही आंबेकरवादी नागरिकों ने गांव छोडने की घोषणा की और 6 मार्च को ही गांव में रहने वाले सैकडों आंबेडकरी समाजबंधु गांव छोडकर बाहर निकल गये, जो विगत शुक्रवार से स्थानीय संभागीय राजस्व आयुक्त कार्यालय के सामने ठिया लगाये बैठे थे. जहां पर कल इन्हीं आंदोलनकारियों ने पुलिस के साथ धक्का-मुक्की करते हुए तोडफोड व पत्थरबाजी की घटना को अंजाम दिया.

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