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शिवाजी माध्यमिक आश्रम शाला की नियुक्ति गुणवत्ता के मानक पर ही

अनशनकर्ता नेता भांबेरे मानक में न बैठने से नियुक्ति नहीं हुई

* संस्थाध्यक्ष हर्षवर्धन देशमुख का स्पष्टीकरण
अमरावती/ दि. 2- श्री शिवाजी शिक्षण संस्था द्बारा संचालित बुलढाणा जिले के अंचरवाडी शिवाजी माध्यमिक आश्रम शाला में हाल ही में विज्ञान, अंग्रेजी और मराठी विषय के लिए तीन शिक्षकों की नियुक्ति की गई. यह सभी नियुक्तियां शासन के मानक के मुताबिक व गुणवत्ता ेके आधार पर की गई है. इन पदों को भरने के लिए दिए गये विज्ञापन के मुताबिक प्राप्त हुए आवेदनों में से 200 उम्मीदवारों की लिखित परीक्षा ली गई और गुणवत्ता के आधार पर प्रत्येक विषय के लिए पहले पांच उम्मीदवारों की मुलाकात ली गई. शासकीय प्रतिनिधि का समावेश वाले चयन समिति की ओर से विषय के तीन उम्मीदवारों का चयन किया गया. इन रिक्त पदों की भर्ती करते समय सभी प्रक्रिया पारदर्शी व नियमानुसार पूर्ण की गई, ऐसी जानकारी शिवाजी शिक्षण संस्था के अध्यक्ष हर्षवर्धन देशमुख ने दी.
शिवाजी माध्यमिक आश्रमशाला अंचरवाडी में नियुक्ति न मिलने से संग्रामपुर तहसील में आनेवाले चांगेफल निवाना ग्राम निवासी नीता हरिदास भांबेरे नामक महिला ने संस्था के मुख्य कार्यालय के सामने अनशन शुरू किया है. लेकिन मानक में न बैठने के कारण उसे नियुक्ति नहीं दी गई. वर्ष 2013 में नीता भांबेरे के ससुर केशवराव तेल्हारकर ने संस्था को 10 लाख रूपए चंदा दिया था. यह चंदा अंचरवाडी के आश्रमशाला में नौकरी लगाकर देेने के लिए दिया था और उस समय अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व सचिव ने वैसा आश्वासन दिया था, ऐसा नीता भांबेरे का कहना रहा तो भी ऐसी कोई भी बात संस्था में दर्ज नहीं है. हर्षवर्धन देशमुख के मुताबिक संस्था को केशवराव तेल्हारकर ने 10 लाख रूपए चंदा दिया है. यह बात संस्था में दर्ज है और उसकी उस समय रसीद भी दी गई है. संस्था को समय-समय पर समाज के विभिन्न क्षेत्रों के लोगों से स्वेच्छा निधि प्राप्त होती रहती है. संस्था में होनेवाली नियुक्ति यह शासन के निर्देशानुसार, मानस व गुणवत्ता के आधार पर की जाती है. इस कारण केशवराव विश्वनाथ तेल्हारकर द्बारा दी गई निधि व अंचरवाडी की आश्रमशाला की नियुक्ति का कोई संबंध नहीं है. क्योंकि उन्होंने चंदा दिया उस समय शाला में शिक्षकों के पद भरने की कोई भी अनुमति शासन से प्राप्त नहीं हुई थी. 27 अप्रैल को नीता भांबेरे ने अंचरवाडी की आश्रम शाला में नौकरी ने मिलने पर संस्था के सामने अनशन पर बैठने का पत्र संस्था के अध्यक्ष को दिया था तथा उन्होंने सहायक आयुक्त, बुलढाणा के समाज कल्याण विभाग को भी पत्र दिया था. लेकिन मानक में न बैठने से उसकी नियुक्ति नहीं हो पायी, ऐसा संस्था की तरफ से उन्हें सूचित किया गया है. मानक में न बैठने के बावजूद उन्होंने अनशन शुरू किया है. नियम को नजरअंदाज कर कोई भी नियुक्ति करना संभव न रहने से नीता भांबेरे को अंचरवाडी की आश्रम शाला में नौकरी देना संभव नहीं है, ऐसा भी हर्षवर्धन देशमुख ने कहा.

न्याय मिलने तक अनशन से नहीं उठूंगी
पिछले 5 दिनों से शिवाजी संस्था के मुख्यालय के सामने भूख हडताल पर बैठी नीता भांबेरे के बच्चे की हालत बिगडने से उसे गुरूवार को अस्पताल में भर्ती किया गया है. शिवाजी शिक्षण संस्था पर नौकरी देने के लिए 10 लाख रूपए देने के बावजूद टालमटोल किए जाने का आरोप कर अंचरवाडी शाला पर शिक्षक पद पर नौकरी देने के लिए नीता भांबेरे भूख हडताल पर बैठी है. उसका आरोप है कि अनशन मंडप पर संस्था के किसी भी पदाधिकारी ने भेंट नहीं दी है. लेकिन मृत्यु हुई तो भी न्याय मिलने तक अनशन से न उठने का निर्णय नीता भांबेरे ने लिया है.

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